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कथन और तर्क टेस्ट

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आगेः कथन और कारण
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Logical Thinking Type III: Statement and Arguments

  • यह Logical Thinking पर आधारित एक ऑनलाइन क्विज़ है.
  • यह टेस्ट शैक्षिक और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी है.
  • प्रत्येक प्रश्न के लिए एकाधिक उत्तर विकल्प दिए गए हैं. आपको सबसे अच्छा विकल्प चुनना है.
  • टेस्ट पूरा करने के बाद आप अपना रिजल्ट देख सकते हैं.
  • गलत उत्तरों के लिए कोई नकारात्मक अंकन नहीं है.
  • इस टेस्ट को पूरा करने के लिए कोई निर्दिष्ट समय नहीं है.
  • EduDose ने यह परीक्षा अंग्रेजी और हिंदी दोनों माध्यमों में प्रदान की है.

कथन: क्या सरकार को निजी प्रयोग के लिए कारों की रजिस्ट्रेशन को पूरे देश में तत्काल प्रभाव से रोक देना चाहिए?

तर्क:

  • I. नहीं, सरकार को ऐसा करने का प्राधिकार नहीं है.
  • II. हां, भारत के बड़े शहरांे की सड़कों पर भीड़ कम करने का यही एकमात्र तरीका है.

सरकार को जनहित से संबंधित कोई भी फैसला लेने का अधिकार होता है. अतः तर्क I ठोस नहीं है. किसी भी समस्या का एकमात्र समाधान नहीं होता है. अतः तर्क II भी ठोस नहीं है.

कथन: क्या भारत के सभी निजी अस्पतालों का प्रबंधन सरकार को अपने हाथ में ले लेना चाहिए?

तर्क:

  • I. हां, इससे इन अस्पतालों द्वारा रोगियों को दी जाने वाली सेवा में काफी ज्यादा सुधार होगा.
  • II. नहीं, इन अस्पतालों का प्रबंध करने के लिए सरकार के पास पर्याप्त वित्तीय और मानव संसाधन नहीं हंै.

दोनों ही तर्क कमजोर हैं. समान्य तौर पर सरकार द्वारा नियंत्रित संस्थाओं का कार्य निष्पादन निजी संस्थाओं की अपेक्षा खराब होता है. सरकार के पास पर्याप्त वित्तीय और मानव संसाधान होते हैं.

कथन: क्या सरकार को भारत की सभी बड़ी नदियों पर बहुत से स्थानों पर बड़े बांध बनाने चाहिए?

तर्क:

  • I. नहीं, इससे सारे देश की ईको-सिस्टम बर्बाद हो जाएगी.
  • II. हां, पूरे देश में सिंचाई के लिए पर्याप्त जल-आपूर्ति सुनिश्चित हो जाएगी.

बड़े बांध पर्यावरण के लिये नुकसान देय होते हैं. अतः तर्क I ठोस है. सिचाई के लिये अन्य साधानों का भी प्रयोग किया जा सकता है जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता हो. अतः तर्क II ठोस नहीं है.

कथन: क्या सरकार को लाभ कमाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के सभी उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी के बड़े हिस्से को बेच देना चाहिए?

तर्क:

  • I. नहीं, सरकार को इन उपक्रमों का नियंत्रण नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि ये लाभ कमाने वाली संस्थाएं हैं.
  • II. हां इससे सरकार को विशाल बजटीय घाटे को कम करने और अपने संसाधनों को बढ़ाने में मदद मिलेगी.

दोनों ही तर्क ठोस हैं. लाभ कमाने वाली सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी बेचना उचित नहीं है. साथ ही बजटीय घाटे को कम करना भी काफी महत्वपूर्ण है.

कथन: क्या भारत के सभी इंजीनियरिंग कालेजों के लिए दाखिले का एकरूप मानदंड होना चाहिए?

तर्क:

  • I. हां, इससे इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिल हुए छात्रों की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी.
  • II. नहीं, यह विशेषकर संभव नहीं है.

तर्क I मजबूत है क्योंकि दाखिले का एकरूप मानदंड निश्चित तौर पर छात्रों की गुणवत्ता सुनिश्चित करेगी. तर्क II तर्कविहीन है. यह संभव क्यों नहीं है ? इसके बारे में कुछ नहीं कहा गया.

कथन: क्या सरकार को पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की खुदरा कीमतों का अविनियमन कर कीमतों को बाजार की स्थिति के अनुसार चलने देना चाहिए?

तर्क:

  • I. हां, इससे तेल कंपनियों को अपने उत्पाद प्रतिस्पर्धी कीमत पर बेचने में बहुत सहायता होगी.
  • II. नहीं, आम जनता इन उत्पादों के लिए बाजार आधारित कीमतें अदा करने के लिए समर्थ नहीं है.
  • III. हां, सरकार को इन उत्पादों के लिए सहायकी बंद कर देनी चाहिए और धन विकास परियोजना में लगाना चाहिए.

सभी तीन तर्काें में ठोस कारण और तर्क है. अतः सभी ठोस हैं.

कथन: क्या सरकार को देश भर की सभी प्राइवेट पेसेंजर ट्रान्सपोर्ट कंपनियों का अधिग्रहण कर लेना चाहिए?

तर्क:

  • I. हां, जैसे सरकार रेल चलाती है वैसे ही यह किया जाना चाहिए.
  • II. नहीं, ऐसे परिचालन हैंडल करने की विशेषज्ञता सरकार के पास नहीं है.
  • III. हां, इस प्रकार आम जनता को प्राइवेट ट्रान्सपोर्ट कंपनियों के चंगुल से छुड़ाया जा सकता है.

तीनों में कोई तर्क ठोस नहीं है.

कथन: क्या, IITs और IIMs जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों को भारत सरकार के नियंत्रण से पूर्णतः मुक्त कर दिया जाना चाहिए?

तर्क:

  • I. हां, विकसित देशों में ऐसे संस्थान गैर-सरकारी एजेंसियों द्वारा चलाए जाते हैं.
  • II. नहीं, सरकार को राष्ट्रीय हित में इन संस्थानों का नियंत्रण करना चाहिए.
  • III. नहीं, ये संस्थान, निर्बाध कार्य करने संबंधी नीति विषयक निर्णय लेने के लिए सक्षम नहीं हैं.

तीनों में कोई तर्क ठोस नहीं है. भारत आंख मूंद कर विकसित देशों की पद्धति नहीं अपना सकता है. संस्थाओं को नियंत्रित रखने से राष्ट्रहित कैसे सुरक्षित हो सकता है ? इसका उल्लेख नहीं है. निजी संस्थाओं सरकारी संस्थाओं से बेहतर कार्य करती करती हैं.

कथन: क्या भारत में संसद के चुनाव देशभर में एक ही दिन में किए जाने चाहिए?

तर्क:

  • I. हां, ऐसे चुनावों को हैंडल करने का यही एक तरीका है.
  • II. हां, इससे आयोग को एक ही दिन में चुनाव संबंधी मसलों पर ध्यान केन्द्रित करने में सहायता मिलेगी.
  • III. नहीं, कुछ अन्य देश अलग-अलग दिनों में ऐसे चुनाव करते हैं.

किसी भी समस्या का एकमात्र समाघान नही होता है. भारत इनता विशाल है कि एक ही दिन में चुनाव संपन्न करना संभव नहीं है. सभी देशों की अलग-अलग परम्पराये और समस्याएं होती हैं. अतः कोई ठोस नहीं हैं.

कथन: क्या देश में केंन्द्र सरकार और सभी राज्य सरकारों के कर्मचारियों का वेतन ढांचा एक समान होना चाहिए?

तर्क:

  • I. नहीं, राज्य सरकार को अपने कर्मचारियों का वेतन ढांचा निर्धारित करने की स्वतंत्रता होनी चांिहए ?
  • II. नहीं, केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के कर्मचारियों का कार्यभार और उत्तरदायित्व भिन्न होते हैं अतः वेतन ढांचा अलग-अलग होना चाहिए.
  • III. हां, सभी सरकारी कर्मचारी हैं और इसलिए उनसे समान व्यवहार किया जाना चाहिए चाहे वे केन्द्र सरकार के साथ काम कर रहे हों या राज्य सरकार के साथ.

केवल तर्क I ठोस है. केन्द्र और राज्य सरकार की शक्तियां और कार्य संविधान द्वारा परिभाषित किया गया है. अतः केन्द्र सरकार को राज्य सरकारों के अधिकारों में दखल नहीं देना चाहिए.

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