world food india 2017 New Delhi

भारत में पहली बार वर्ल्ड फूड इंडिया का आयोजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 नवम्बर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘वर्ल्ड फूड इंडिया’ का उद्घाटन किया. भारत में पहली बार इसका आयोजन किया गया है. इसमें 40 से भी अधिक देशों के करीब 2000 लोग हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें कई बड़ी खाद्य कंपनियों के सीईओ शामिल हैं. भारत में इस आयोजन का उद्देश्य फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में निवेश को आकर्षित करना और रोजगार के मौके को बढ़ाना है.

खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र में भागीदार बनने के लिए आमंत्रण

प्रधानमंत्री ने वर्ल्‍ड फूड इंडिया समारोह में विदेशी निवेशकों को तेजी से बढ़ रहे भारत के खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र में भागीदार बनने के लिए आमंत्रित किया है. उन्‍होंने कहा कि भारत में पहले की तुलना में अब कारोबार करना सुगम हो गया है, क्‍योंकि प्रक्रियाएं सरल बना दी गई हैं, पुराने कानून रद्द कर दिए गये हैं और अनुपालन आवश्‍यकताएं कम कर दी गई हैं. भारत को विश्‍व की तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्‍यवस्‍थाओं में से एक बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वस्‍तु और सेवाकर लागू होने से कई तरह के कर समाप्‍त हो गये हैं. श्री मोदी ने कहा कि खाद्य पदार्थो के उत्‍पादन और व्‍यापार में शत-प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है. उन्‍होंने प्रत्‍येक राज्‍य से कम से कम एक खाद्य पदार्थ की पहचान कर उसमें विशेषज्ञता हासिल करने को कहा.

‘र्वल्ड फूड इंडिया 2017’ में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड विश्व रिकार्ड

नई दिल्ली में आयोजित ‘र्वल्ड फूड इंडिया 2017’ फेस्टिवल में 4 नवम्बर को 918 किलो खिचड़ी बना कर विश्व रिकार्ड बनाया गया. इसका उद्देश्य भारतीय व्यंजन को अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलाना है. इस पूरी प्रक्रिया में सात फुट के व्यास वाली एक हजार लीटर स्टेनलेस स्टील की कढ़ाई में भाप का प्रयोग कर व्यंजन को धीमी आंच पर पकाया गया. इस कढ़ाई को उठाने के लिए क्रेन का इस्तेमाल किया और वजन कर इसे गिनीज बुक ऑफ र्वल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने योग्य बनाया गया.

वर्ल्ड फूड इंडिया में 19 अरब डॉलर के निवेश के समझौते

वर्ल्ड फूड इंडिया के दौरान 19 अरब डॉलर से अधिक के निवेश की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई. तीन दिन का यह आयोजन 5 नवम्बर को सम्पन्न हो गया. यह आयोजन बेहद सफल रहा, जिसमें साठ से अधिक देशों ने भागीदारी की. इसमें दुनियाभर की 50 से अधिक कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शामिल हुए. ये पहला मौका है जब भारत ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया, ताकि वह वैश्विक स्तर पर भोजन सामग्री को लेकर अपनी स्थिति मजबूत कर सके. खाद्य सम्मेलन में कंपनियों ने 11.25 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई. इसमें करीब 2.5 अरब डॉलर के एम.ओ.यू. राज्य सरकारों और हितधारकों के बीच हस्ताक्षर किए गए हैं ताकि देश में खाद्य प्रसंस्करण के स्तर को 10 प्रतिशत बढ़ाने में मदद की जा सके. अमरीका, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, नीदरलैंड और फ्रांस ने देश के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में बड़े निवेश की घोषणा की है. इस कार्यक्रम का आयोजन खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय और सीआईआई ने मिलकर किया.

उल्लेखनीय है कि…

वर्ल्ड फूड इंडिया: एक दृष्टि

  • खाद्य प्रसंस्करण मेक इन इंडिया के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है जिसमें 100 फीसदी एफडीआई है.
  • वर्ल्ड फूड इंडिया में जर्मनी, डेनमार्क और जापान साझेदार देश हैं, जबकि इटली और नीदरलैंड्स फोकस देश हैं.
  • इस बड़े आयोजन से पहले ही फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में 65 हजार करोड़ रुपये निवेश के प्रस्ताव आ चुके हैं.
  • भारत दुनिया में खाद्य पैदावार के क्षेत्र में दूसरा सबसे बड़ा देश है; जबकि दूध, फल, सब्जी, दलहन और समुद्री उत्पाद के क्षेत्र में पहला स्थान है.
  • भारत को अगले तीन वर्षों के दौरान खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में दस अरब डॉलर के विदेशी निवेश और दस लाख रोजगार के अवसर सृजित होने की आशा है.
  • इस समारोह में जाने माने शेफ संजीव कपूर भारतीय सामग्री और जायकों की मदद से देशी और विदेशी व्यंजन तैयार करेंगे.