मिसाइल ‘निर्भय’ का सफल परीक्षण किया

भारत ने 15 अप्रैल को सब-सोनिक क्रूज मिसाइल ‘निर्भय’ का सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से किया गया.

क्रूज मिसाइल ‘निर्भय’: एक दृष्टि

  • इस मिसाइल को डिफेंस रिसर्च एंड डेवल्पमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के बेंगलुरु स्थित एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ADE) के वैज्ञानिकों ने स्‍वदेशी तकनीक से डिजाइन और विकसित किया है.
  • यह एक सब सोनिक क्रूज मिसाइल है जो ठोस रॉकेट मोटर बूस्टर से संचालित होती है.
  • यह मिसाइल छह मीटर लंबी, 0.52 मीटर चौड़ी है. इसकी परिचालनगत रेंज 1000 किलोमीटर तक है.
  • यह मिसाइल 200 से 300 किलोग्राम तक की आयुध सामग्री ले जा सकती है.
  • इस मिसाइल की क्षमता अमेरिका के प्रसिद्ध टॉमहॉक मिसाइल के बराबर है.

क्रूज निर्भय मिसाइल के पूर्ववर्ती परीक्षण

  1. DRDO ने इस मिसाइल का कई बार परीक्षण कर चुके हैं. निर्भय का पहला परीक्षण 12 मार्च 2013 को किया गया था और उस समय मिसाइल में खराबी आने के कारण उसने बीच रास्ते में ही काम करना बंद कर दिया था.
  2. दूसरा परीक्षण 17 अक्तूबर 2014 को किया गया जो सफल रहा था.
  3. 16 अक्तूबर 2015 को किए गए अगले परीक्षण में मिसाइल 128 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद अपने रास्ते से भटक गई थी.
  4. इसके बाद 21 दिसंबर 2016 को परीक्षण किया गया उस समय भी यह निर्धारित रास्ते से भटक गई थी.
  5. इसके अलावा नवंबर 2017 में इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था.

बैलिस्टिक और क्रूज़ मिसाइलों में मुख्य अंतर

  1. बैलिस्टिक मिसाइलों का आकार काफ़ी बड़ा होता है. क्रूज़ मिसाइल का आकर बैलिस्टिक मिसाइल की अपेक्षा काफी छोटा होता हैं.
  2. बैलिस्टिक मिसाइलें काफ़ी भारी वज़न का बम ले जाने में सक्षम होते हैं जबकि क्रूज़ मिसाइल हलके वज़न का बम ले जाने में सक्षम होता है.
  3. बैलिस्टिक मिसाइल के एक बार छूट जाने के बाद उन्हें नष्ट करना आसान नहीं होता जबकि क्रूज़ मिसाइल के छोटे आकार के कारण उन्हें छोड़े जाने से पहले बहुत आसानी से छुपाया जा सकता है.
  4. बैलिस्टिक मिसाइल अपना इंधन लेकर चलते हैं और उसमें इस्तेमाल होनेवाला ऑक्सीजन भी उनके साथ ही होता है. क्रूज़ मिसाइल भी अपना इंधन लेकर चलते हैं लेकिन ऑक्सीजन वो हवा से लेते हैं.
  5. बैलिस्टिक मिसाइल छोड़े जाने के बाद हवा में एक अर्धचंद्राकर रास्ते पर चलते हैं और जैसे ही रॉकेट के साथ उनका संपर्क खत्म होता है उनमें लगा हुआ बम गुरूत्व के प्रभाव में ज़मीन पर गिरता है. इसलिए एक बार छोड़े जाने के बाद उनके लक्ष्य पर कोई नियंत्रण नहीं रह जाता. क्रूज़ मिसाइल पृथ्वी की सतह के समांनांतर चलते हैं और उनका निशाना बिल्कुल सटीक होता है.
  6. बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल आमतौर पर परमाणु बमों के लिए ही होता है. क्रूज़ मिसाइल पारंपरिक और परमाणु बम दोनों के लिए ही कारगर माने जाते हैं.
  7. निर्भय के अलाबे भारत का ब्राह्मोस मिसाइल क्रूज मिसाइल की श्रेणी में आता है, जबकि अग्नि श्रेणी की मिसाइलें बैलिस्टिक हैं.