Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana-PMJAY

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत के तहत कई कल्याणकारी स्वास्थ्य योजनाओं की शुरुआत की है. इन योजनाओं में सबसे चर्चित और महत्त्वकांक्षी योजना है ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’. पीएमजेएवाई (PMJAY) इस योजना का संक्षिप्त रूप है. सरकार पीएमजेएवाई के पहले चरण में निम्न आय वर्ग के ग्रामीण और शहरी गरीब लोगों के परिवारों को स्वास्थ्य बीमा (हेल्थ इंश्योरेंस) उपलब्ध कराएगी. इस योजना के दूसरे चरण में मध्यम आय वर्ग के लोगों को शामिल किया जायेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएमजेएवाई के पहले चरण की शुरुआत 23 सितम्बर 2018 को झारखंड की राजधानी रांची से की है. इसे पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर 25 सितंबर से देशभर में लागू कर दिया जाएगा.

क्या है पीएमजेएवाई?

पीएमजेएवाई एक स्वास्थ्य (हेल्थ इंश्योरेंस) है जिसके तहत गरीब तबके के 10 करोड़ 74 लाख परिवारों (तकरीबन 50 करोड़ लोगों) को हर साल पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य खर्च उपलब्ध कराया जायेगा. यह देश की कुल आबादी का 40 प्रतिशत है. परिवार के किसी भी सदस्य के द्वितीयक तथा तृतीयक स्तर के अस्पतालों में भर्ती होने की स्थिति में उसका खर्च बीमा के रूप में दिया जायेगा. पूरी प्रक्रिया नकदी तथा कागज रहित होगी. पूरी तरह लागू होने पर यह दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य योजना बन जायेगी. पीएमजेएवाई के तहत इसके लाभार्थियों का इलाज बिल्कुल मुफ्त रहेगा. अस्पताल इसके लिए कोई राशि नहीं माँगेंगे.

कैसे मिलेगा पीएमजेएवाई का लाभ?

योजना का लाभ लेने के लिए मरीज को अस्पलाल जाकर आरोग्य मित्र को अपना पहचान पत्र देना होगा. आरोग्य मित्र यह चेक करेगा कि मरीज योजना में योग्य है या नहीं. इसके बाद वह आपको एक ई-कार्ड देगा. इस कार्ड में आपकी फोटो और पता दर्ज होगा. एक बार ई-कार्ड बन जाने के बाद पूरी प्रक्रिया को दोहराना नहीं पड़ेगा. ई-कार्ड दिखा कर ही आगे भी योजना का लाभ ले सकेंगे.

मरीज को योजना का लाभ तभी मिलेगा जब वह अस्पताल में भर्ती हो. यदि आप अस्पताल में भर्ती नहीं हो रहे हैं तो आपको इलाज का पैसा नहीं दिया जाएगा. भर्ती होने से तीन दिन पहले और डिस्चार्ज होने के 15 दिन बाद के खर्च की राशि मरीज को मिलेगी. योजना का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड की भी जरूरत नहीं होगी. इसमें मिला ई-कार्ड ही लाभ लेने के लिए पर्याप्त होगा.

पीएमजेएवाई लाभार्थी की योग्यता

2011 की जनगणना में गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को पीएमजेएवाई का लाभ मिलेगा. हाल ही में सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) डेटाबेस के आधार पर लोगों का मोबाइल नंबर और राशन कार्ड नंबर इकट्ठा करने के लिए अभियान चलाया गया था. जिन लोगों ने इसमें अपना मोबाइल नंबर या राशन कार्ड नंबर जमा कराया था उनका नाम ही वेबसाइट पर दिखेगा. पीएमजेएवाई में शामिल होने के लिए परिवार के आकार और उम्र का कोई बंधन नहीं है.

पीएमजेएवाई का लाभ लेने के लिए कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं है. एक बार योग्य होने पर आप सीधे इलाज करा सकते हैं. सरकार द्वारा चिन्हित परिवारों के लोग इस योजना में शामिल हो सकते हैं. केंद्र सरकार सभी राज्य सरकार और इलाके की अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ योग्य परिवार की जानकारी साझा करेगी. उसके बाद इन परिवारों को एक फैमिली आइडेंटिफिकेशन नंबर मिलेगा. लिस्ट में शामिल लोग ही आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठा सकते हैं.

स्वतः पीएमजेएवाई में शामिल हो जायेंगे

ग्रामीण इलाके: ग्रामीण इलाके में कच्चा मकान, परिवार में किसी व्यस्क (16-59 साल) का नहीं होना, परिवार की मुखिया महिला हो, परिवार में कोई दिव्यांग हो, अनुसूचित जाति/जनजाति से हों और भूमिहीन व्यक्ति/दिहाड़ी मजदूर इसके अलावा ग्रामीण इलाके के बेघर व्यक्ति, निराश्रित, दान या भीख मांगने वाले, आदिवासी और क़ानूनी रूप से मुक्त बंधुआ आदि खुद पीएमजेएवाई में शामिल हो जायेंगे.

शहरी इलाके: भिखारी, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामकाज करने वाले, रेहड़ी-पटरी दुकानदार, मोची, फेरी वाले, सड़क पर कामकाज करने वाले अन्य व्यक्ति. कंस्ट्रक्शन साईट पर काम करने वाले मजदूर, प्लंबर, राजमिस्त्री, मजदूर, पेंटर, वेल्डर, सिक्योरिटी गार्ड, कुली और भार ढोने वाले अन्य कामकाजी व्यक्ति स्वतः पीएमजेएवाई में शामिल हो जायेंगे.

जिन लोगों के पास 28 फरवरी 2018 तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का कार्ड होगा, वे भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठा सकते हैं.

किस अस्पताल में होगा इलाज?

पीएमजेएवाई के दो घटक हैं. पहला हैं, 10.74 लाख परिवार जिनको मुफ्त 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा देना है. दूसरा घटक हैं, आरोग्य केंद्र (हेल्थ वेलनेस सेंटर) जहाँ पीएमजेएवाई लाभार्थियों का इलाज किया जायेगा और मुफ्त दवाइयां मिलेंगी. इसके तहत देश भर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल किए जाएंगे.

सभी सरकारी अस्पताल में पीएमजेएवाई के लाभार्थी इलाज करा सकते हैं. इसके साथ ही सरकार के पैनल में शामिल निजी अस्पताल में भी इलाज कराया जा सकेगा. पैनल में शामिल होने के लिए निजी अस्पताल में कम से कम 10 बेड और इसे बढ़ाने की क्षमता होनी चाहिए.

डेढ़ लाख स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों की स्थापना

पीएमजेएवाई के तहत देश भर में डेढ़ लाख स्वास्य एवं आरोग्य केंद्रों की स्थापना की जानी है. मौजूदा प्राथमिक स्वास्य केंद्रों को भी स्वास्थ्य एवं आरोज्ञ केंद्रों में बदला जाएगा. प्राथमिक स्तर पर स्वास्य सेवाएं देने की जिम्मेदारी इन्हीं केंद्रों की होगी. इन केंद्रों पर मातृ तथा शिशु स्वास्य सेवाएं भी दी जाएंगी. यहां गैर-संचारी रोगों का इलाज उपलब्ध होगा. जरूरी दवाएं और जांच की सुविधा भी इन केंद्रों पर होगी.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल 2018 को छत्तीसगढ़ के जांगला में पहले स्वास्य एवं आरोग्य केंद्र की शुरुआत की थी.

राज्यों को अपने हिसाब से क्रियान्वयन की छूट

पीएमजेएवाई राज्यों को अपने हिसाब से क्रियान्वयन की छूट दी गई है. वे किसी मौजूदा न्यास या सामाजिक संगठन की मदद से इसे लागू कर सकते हैं या इसके लिए नए सिरे से न्यास या सामाजिक संगठन बना सकते हैं. वे किसी बीमा कंपनी के जरिए भी इसे लागू कर सकते हैं. अब तक 30 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों ने पीएमजेएवाई के लिए केंद्र के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं.

परियोजना का पायलट 22 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 1,280 अस्पतालों में किया गया है जिसमें लाभार्थी पहचान केंद्र और ट्रांजेक्शन प्रबंधन पण्राली की जांच की गई है. बीस राज्यों में 3,519 आरोग्य मित्रों को प्रशिक्षण दिया गया है. अब तक 15,686 अस्पतालों ने योजना में शामिल होने के लिए आवेदन दिया है.

किन राज्यों में फिलहाल लागू नहीं?

दिल्ली, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, केरल, तेलंगाना और पंजाब ने अभी इस योजना के लिए केंद्र के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैडिंग (MoU) पर दस्तखत नहीं किए हैं. ये राज्य इसी तरह की खुद की योजना चाहते हैं.

पीएमजेएवाई का वित्त पोषण

पीएमजेएवाई पर आने वाले खर्च का 60 प्रतिशत वित्त पोषण केंद्र सरकार करेगी और शेष राज्य करेंगे. चालू वित्त वर्ष (2018-19) में योजना के लिये केंद्र सरकार करीब 3,500 करोड़ रुपए देगी.

पीएमजेएवाई लाभार्थी की शिकायत

पीएमजेएवाई लाभार्थी इस योजना से संबंधित शिकायत को सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 14555 पर करा सकते हैं.
यह जानने के लिए कि क्या आपको इसका लाभ मिले गा या नहीं आपको mera.pmjay.gov.in पर जाना होगा. यहां आपको अपना मोबाइल नंबर टाइप करना होगा और कैप्चा डालना होगा. इसके बाद जेनरेट ओटीपी पर क्लिक करते ही आपके फोन पर एक मैसेज आएगा. उसमें लिखे ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) को वेबसाइट पर डालकर ओटीपी वेरिफाइ करना होगा. इसके बाद राज्य सेलेक्ट करना होगा और अन्य जानकारी जैसे मोबाइल नंबर या नाम आदि विकल्प चुनकर अपना नाम देख सकेंगे.

आयुष्मान भारत की अन्य योजनायें

  1. इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण का दायरा बढ़ाना
  2. शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर को कम करने का लक्ष्य
  3. मातृ वंदना योजना के तहत गर्भवती को पोषण आहार के लिए 5 हज़ार की व्यवस्था
  4. जन औषधी केंद्रों के ज़रिए सस्ती दवाओं को उपलब्ध कराना
  5. देश भर में डायलिसिस सेंटरों के ज़रिए कम पैसे में डायलिसिस
  6. स्टंट के दामों में कमी
  7. घुटना प्रत्यारोपण को आसान और कम ख़र्च