Prime Minister Narendra Modi’s tri-nation trip to West Asia

पश्चिम एशिया और खाड़ी देशों के साथ संबंधों का नया युग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 से 12 फरवरी तक पश्चिम एशिया और खाड़ी देशों की चार दिन की यात्रा पर थे. प्रधानमंत्री का खाड़ी के देशों और पश्चिमी एशिया क्षेत्र का यह 5वां दौरा था. इस दौरे में प्रधानमंत्री ने तीन देशों फ़लस्‍तीन, संयुक्‍त अरब अमारात और ओमान की यात्रा की. इस यात्रा का मकसद खाड़ी देशों और पश्चिम एशिया क्षेत्रों में भारत की स्थिति को मजबूत बनाना था. प्रधानमंत्री ने भारत की विदेश नीति में पश्चिम एशिया को अहम कड़ी बताया है. दरअसल इस यात्रा के जरिए यह दर्शाया जा रहा है कि भारत एक देश के साथ उसके संबंधों और किसी तीसरे देश के साथ अपने संबंधों को लेकर स्वतंत्र है.

प्रधानमंत्री की पश्चिम एशिया के तीन देशों की यात्रा पहला पड़ाव फलस्तीन था लेकिन इस यात्रा के दौरान वो रास्ते में जार्डन की राजधानी अम्मान में रुके. वहां जार्डन में प्रधानमंत्री ने शाह अब्दुल्ला द्वितीय से मुलाकात की.

प्रधानमंत्री की फलस्तीन यात्रा

पश्चिम एशिया और खाड़ी देशों की यात्रा के पहले चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 फरवरी को फिलिस्तीन के रमल्लाह पहुंचे. इसके साथ ही फिलिस्तीन का दौरा करने वाले वह पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गये हैं. रमल्लाह में फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री रामी हमदल्लाह ने मोदी की अगवानी की. श्री मोदी ने यहाँ फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत की. 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर मोदी और अब्बास की मुलाकात के बाद यह दोनों नेताओं की चौथी मुलाकात थी. इससे पहले उसी साल के अंत में पेरिस जलवायु सम्मेलन और मई 2017 में अब्बास के भारत दौरे के दौरान दोनों नेता मिले थे. जिस दौरान प्रधानमंत्री ने फलस्तीन के प्रति भारत के समर्थन का भरोसा दिलाया था. भारत का कहना है कि फलस्तीन के प्रति उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है. भारत ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में मतदान के दौरान फलस्तीन के पक्ष में मतदान किया था.

फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने भारत की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि उनका देश इसराइल के साथ शांति प्रक्रिया में सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की भूमिका पर विश्वास करता है. प्रधानमंत्री मोदी ने महमूद अब्बास को भरोसा दिया कि भारत फलस्तीन के लोगों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है. भारत ने साफ कर दिया कि वो फलस्तीन के साथ खड़ा है. फलस्तीनी राष्ट्रपति से वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं.

यासिर अराफात को श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 फरवरी को फिलिस्तीनियन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन के पूर्व अध्यक्ष और फिलिस्तीन के प्रथम राष्ट्रपति यासीर अराफात की मजार पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. 6,550 वर्ग मीटर में फैले मजार परिसर में अराफात की कब्र, नमाज स्थल और एक सुंदर बागीचा स्थित है.

भारत और फलस्तीन के बीच 6 समझौते

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता में दोनों देशों के बीच 6 समझौतों पर दस्तखत हुए. इन समझौतों में फलस्तीन में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की स्थापना, फलस्तीन में स्कूल की स्थापना से जुड़े तीन समझौते, महिला सशक्तिकरण पर फलस्तीनी सेंटर में सहयोग के लिए समझौता तथा रामल्ला में बनने वाले देश के राष्ट्रीय प्रिंटिंग प्रेस से जुड़े उपकरणों की खरीद का समझौता शामिल है.

PM Narendra Modi’s visit to Palestine

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फलस्तीन का सर्वोच्च सम्मान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फलस्तीन में ‘ग्रैंड कॉलर’ सम्मान दिया गया. ये सम्मान विदेशी मेहमानों को दिया जाने वाला फलस्तीन का सर्वश्रेष्ठ सम्मान है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के पहले राजनेता हैं, जिनको इस सम्मान से नवाजा गया है. भारत और फलस्तीन के रिश्तों की बेहतरी के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उठाए गए कदमों के लिए यह सम्मान दिया गया.

ग्रैंड कॉलर प्रशस्ति-पत्र पर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ में लिखा है:

यह उनके कुशल नेतृत्व एवं उनके उत्कृष्ट राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय कद को देखते हुए एवं फलस्तीन राष्ट्र और भारतीय गणतंत्र के बीच ऐतिहासिक संबंधों को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों की सराहना और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए आज़ादी और हमारे लोगों की आज़ादी के हक़ को उनका समर्थन देने का सम्मान करते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी से पहले संयुक्त अरब के किंग सलमान, बहरीन के किंग हामाद, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जैसी हस्तियों को यह सम्मान दिया गया है.

भारत और फलस्तीन के बीच व्यापार: एक दृष्टि

भारत और फलस्तीन के बीच व्यापार इस्राइल के रास्ते किया जाता है. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 400 लाख डॉलर का है. फिलिस्तीन में ऑटो सेक्टर, पर्यटन, कृषि, कपड़े और दवाइयों कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां भारतीय व्यापारी और निर्यातकों की रूचि है. भारत में फिलिस्तीन मुद्दे पर द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत राजनीतिक समर्थन दिया है. इसके साथ ही भारत फिलिस्तीन को विभिन्न रूप से आर्थिक सहायता भी देता है. भारत ने अब तक फिलिस्तीन को 600 लाख डॉलर की परियोजना मदद दी है. इसके अलावा भारतीय कला और संस्कृति और बॉलीवुड की फिल्में यहां काफी पंसद की जाती हैं.

प्रधानमंत्री की संयुक्त अरब अमीरात यात्रा

PM Modi To Witness Foundation Stone Ceremony For First Hindu Temple In Abu Dhabi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम एशिया और खाड़ी देशों की यात्रा के दुसरे चरण में 10 फ़रवरी को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबूधाबी पहुंचे. यूएई की प्रधानमंत्री की यह दूसरी यात्रा थी. अबूधाबी पहुंचने पर वहां के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन ज़ायद एल नाहयान ने प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार स्वागत किया. यहाँ प्रधानमंत्री और यूएई के क्राउन प्रिंस के बीच प्रतिनिधि स्तर की वार्ता हुई.

भारत और यूएई के बीच 5 अहम करार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूएई के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन ज़ायद एल नाहयान की मौजूदगी में भारत और संयुक्त अरब अमीरात की सरकारों के बीच निम्नलिखित 5 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए:

  1. ओएनजीसी ग्रुप और आबू धाबी की राष्ट्रीय तेल कंपनी के बीच समझौता. कच्चे तेल के खनन के क्षेत्र में किसी भारतीय कंपनी के साथ ये पहला निवेश समझौता है.
  2. भारतीय श्रमजीवियों को सशक्त करने के लिए समझौता.
  3. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और अबू धाबी सिक्योरिटी एक्सचेंज के बीच समझौता.
  4. रेलवे और परिवहन क्षेत्र में समझौता.
  5. जम्मू-कश्मीर सरकार और डीपी वर्ल्ड के बीच एक समझौता.

‘अल वाकबा’ में मंदिर का शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई-अबू धाबी मार्ग पर ‘अल वाकबा’ में बनने वाले पहले मंदिर (बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्‍तम स्‍वामी नारायण) का शिलान्यास 11 फरवरी को किया. यह शिलान्यास दुबई के ओपेरा हाउस में वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्‍यम से किया.

55 हज़ार वर्गमीटर में बनने वाला ये मंदिर ख़ास पत्थरों से बनेगा. पश्चिमी एशिया में पत्थरों से बनने वाला ये पहला हिन्दू मंदिर होगा और 2020 तक ये बनकर पूरा हो जाएगा. बोचासनवासी श्री अक्षर पुरषोत्तम स्वामीनारायण संस्था इसका निर्माण करेगी. ये मंदिर न्यू जर्सी में बनें मंदिर की ही प्रतिकृति होगा.

भारतीय समुदाय को प्रधानमंत्री का संबोधन

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने संयुक्‍त अरब अमारात में 11 फरवरी को दुबई ओपेरा हाउस में भारतीय समुदाय को संबोधित किया. खाड़ी देशों में लगभग 30 लाख भारतीय रहते हैं. प्रधानमंत्री ने लोगों को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार खाड़ी देशों और भारत में उनके सपनों को साकार करने के लिए मिलकर काम करेगी. उन्होंने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया है कि उनकी सरकार के आर्थिक सुधारों से भारत हर क्षेत्र में वैश्विक पैमानों पर खरा उतरेगा.

छठा विश्व सरकार सम्मलेन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 फरवरी को दुबई (यूएई) में छठे विश्व सरकार सम्मलेन 2018 में हिस्सा लिया. सम्मलेन में इस साल भारत को अतिथि देश के तौर पर आमंत्रित किया गया था. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में विश्व को तक़नीक़ का सभी के विकास के लिए इस्तेमाल करने पर ज़ोर दिया. प्रधानमंत्री ने भारत में तक़नीक़ के ज़रिए सुशासन और वंचितों का विकास करने की भी बात कही. 140 देशों के इस ख़ास सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में मानवता के लिए आपसी संघर्ष से ज़्यादा सह जीवन की ज़रुरत है. उन्होने सौर ऊर्जा के क्षेत्र को और भी विकसित करने और दुनिया के ज़रूरतमंद देशों तक विभिन्न क्षेत्रों में तक़नीक़ का फायदा पहुंचाने की बात कही.

फ्रांस और किर्गिज़स्तान के प्रधानमंत्री से मुलाकात: सरकार सम्मेलन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के प्रधानमंत्री एडवर्ड फिलिप से मुलाकात की. दोनों नेता ने इस मिलाकात में आपसी संबंध मजबूत बनाने की दिशा में बेहतर विचार विमर्श किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने किर्गिज़स्तान के प्रधानमंत्री सपार इसाकोव से भी भेंट की और दोनों नेताओं ने द्वीपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार विमर्श किया.

प्रधानमंत्री की ओमान यात्रा

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी पश्चिम एशिया और खाड़़ी देशों के अपने दौरे के अंतिम चरण में 11 फरवरी को ओमान की राजधानी मस्‍कत पहुंचें. यहां वह अोमान के सुल्तान कबूस बिन सैन अल सैद और उप प्रधानमंत्री बिन मसूद अल सईद से मुलाकात की.

इंडिया-ओमान व्यापार बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 फरवरी को मस्कट में भारत-ओमान बिज़नेस सम्मेलन में हिस्सा लिया. इसी क्रम में उन्होंने ओमान के सीईओ के साथ बैठक की.

मस्‍कत का मशहूर शिव मंदिर

श्री मोदी यहाँ मस्‍कत के मशहूर शिव मंदिर गए. ये मंदिर गुजरात के मसकत में बसे हुए व्‍यापारी समुदाय ने बनवाया था. इस मंदिर का निर्माण सौ साल से भी पहले हुआ था, लेकिन 1999 में इस मंदिर का नवीकरण किया गया था. श्री मोदी सुल्‍तान कबूस मस्जिद भी गए जो ओमान की मुख्‍य मस्जिद है. इस मस्जिद के निर्माण का काम 2001 में खत्‍म हुआ था और इसको बनाने में छह साल लगे थे.

भारत और ओमान के बीच आठ समझौते

प्रधानमंत्री के इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच विभिन्‍न क्षेत्रों में आठ समझौतों पर हस्‍ताक्षर किए गये. इनमें रक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और पर्यटन क्षेत्र के समझौते शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की ओमान के सुल्‍तान क़बूस बिन सैद अल सैद के साथ रविवार रात मस्‍कत में प्रतिनिधि मंडल स्‍तर की वार्ता के बाद इन समझौतों पर हस्‍ताक्षर किए गए. दोनों देशों के बीच व्‍यापार और निवेश, ऊर्जा, रक्षा, खाद्य सुरक्षा और क्षेत्रीय मामलों में सहयोग बढ़ाने के उपायों पर व्‍यापक बातचीत हुई.

भारत और ओमान संबंध: एक दृष्टि

भारत और ओमान भूगोल, इतिहास और संस्कृति से जुड़े हैं और दोनों के बीच बहुत ही सौहार्दपूर्ण रिश्‍ते हैं. ऐतिहासिक समुद्री व्यापार संबंध, यहां के शाही परिवार की भारत से नजदीकी और भारतीय समुदाय की ओमान को आगे बढ़ाने में भूमिका इसी बात का सबूत है. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार काफी मजबूत है और यह 2015-16 में 3.8 बिलियन डॉलर से 4 प्रतिशत बढ़कर 2016-17 में चार बिलियन था. भारत द्वारा निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्‍तुओं में तेल और यान्‍त्रिक उपकरण प्रमुख हैं. ओमान-भारत के संबंध रक्षा क्षेत्र में भी काफी अहम हैं. दोनों ही देशों की सेनाओं ने संयुक्त अभ्यास के ज़रिए प्रगाढ़ता भी दिखाई है. हाल ही में ओमान ने भारतीय नागरिक फादर टॉम को आईएस के क़ब्जे से रिहा कराने में भी अहम भूमिका निभाई थी.