‘INS रंजीत’ की विदाई

भारतीय नौसेना का मिसाइल विध्वंसक ‘INS रंजीत’ को 6 मई 2019 को सेवा मुक्त कर दिया गया. विशाखापटनम के नेवी डॉकयार्ड में इस जहाज को विदाई दी जाएगी. INS रंजीत को 27 कमिशनों की ओर से संचालित किया जा चुका है. आखिरी बार 6 जून 2017 को इसका कमीशन दिया गया था.

INS रंजीत: एक दृष्टि

  • 36 साल अपनी सेवाएं देने वाला आईएनएस रंजीत पहली पंक्ति का मिसाइल विध्वंसक माना जाता है. इसे 15 सितंबर 1983 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था.
  • आईएनएस रंजीत का निर्माण यूक्रेन (तत्कालीन सोवियत संघ) के निकोलेव शहर में स्थित 61 कम्युनार्ड्स पोत कारखाने में हुआ था.
  • यह सोवियत संघ के बनाए 5 काशिन क्लास विध्वंसक जहाजों में ये तीसरे स्थान पर है. इसे रशियन नाम ‘लोकली’ दिया गया था. इसका अर्थ ‘तेज’ होता है.
  • इस जहाज की नींव 29 जून 1977 को रखी गई थी और इसे 16 जून 1979 को लॉन्च किया गया था.
  • इस जहाज ने काला सागर, मध्य सागर, लाल सागर, अरब सागर के साथ पश्चिम और पूर्वी सागर के तटीय इलाकों में अपनी सेवाएं दी हैं.
  • यह जहाज आईपीकेएफ ऑपरेशन के अलावा कारगिल के दौरान ऑपरेशन तलवार में भी शामिल था.
  • इस जहाज ने 2004 में टीसुनामी और 2014 के हुड-हुड चक्रवात के बाद चलाए गए नेवी ऑपरेशनों के साथ ही कई देशों के साथ संयुक्त ऑपरेशन में भी हिस्सा लिया.