नई शिक्षा नीति पर गठित कस्तूरीरंगन कमेटी की सिफारिशें
कस्तूरीरंगन कमेटी ने नई शिक्षा नीति की सिफारिशें शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को सौंप दिया है. सिफारिशों में मौजूदा शिक्षा व्यवस्था में कई तरह के बदलाव करने की सलाह दी गई है.
कस्तूरीरंगन कमेटी की मुख्य सिफारिशें
- नई शिक्षा नीति में कहा गया है कि बच्चों को कम से कम पांचवीं तक मातृभाषा में ही पढ़ाना चाहिए.
- पहली क्लास में बच्चों को तीन भारतीय भाषाओं के बारे में भी पढ़ाना चाहिए जिसमें वो इन्हें बोलना सीखें और इनकी स्क्रिप्ट पहचाने और पढ़ें.
- फीस को लेकर स्कूल की मनमानी पर लगाम और महंगाई दर देखकर स्कूल की फीस बढ़ाने की सलाह दी गई है.
- नई शिक्षा नीति में बोर्ड एग्जाम के तनाव को कम करने का भी सलाह दिया गया है.
- बच्चों के लिए मल्टिपल टाइम एग्जाम देने का विकल्प देने का सुझाव दिया गया है.
- स्कूली शिक्षा के स्तर को बढ़ने के लिए B.ED का कोर्स 4 साल की करने की सलाह दी गई है.
- इसके साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा आयोग बनाने का भी प्रस्ताव दिया गया है.
मौजूदा शिक्षा नीति
मौजूदा शिक्षा नीति 1986 में तैयार हुई थी और 1992 में इसमें संशोधन हुआ था. सरकार ने शिक्षा में सुधार के लिए सुझाव देने के लिए इसरो के पूर्व प्रमुख के कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया था.