एमिसैट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 1 अप्रैल को एमिसैट (इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटेलाइट) सहित अन्य देशों की 29 सैटेलाइट्स का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया. इस प्रक्षेपण में अमेरिका के 24, लिथुआनिया का 1, स्पेन का 1 और स्विट्जरलैंड का 1 सैटलाइट शामिल हैं. यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारतीय रॉकेट PSLV C-45 के माध्यम से किया गया. इस प्रक्षेपण में रॉकेट PSLV C-45 अपने 47वें अभियान में दूसरे लांच पैड से उडान भरी.

प्रक्षेपण में सैटेलाइट—एमिसैट को सन सिंक्रोनस पोलर ऑर्बिट में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया. ISRO का यह पहला ऐसा मिशन है, जिसे आम लोगों की मौजूदगी में प्रक्षेपित किया गया है. एमिसैट उपग्रह भारत की सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है.

ISRO का यह पहला ऐसा मिशन था, जो तीन अलग-अलग कक्षाओं में सैटेलाइट्स को स्थापित किया. PSLV C-45 रॉकेट पहले 436 किग्रा के एमिसैट को 749 किलोमीटर के कक्ष में स्थापित किया. इसके बाद यह 28 अन्य उपग्रहों को 504 किमी की ऊंचाई पर उनके कक्ष में स्थापित किया गया. फिर रॉकेट को 485 किमी तक नीचे लाया जाएगा जब इंजन तीन प्रायोगिक भार ले जाने वाले पेलोड के प्लेटफॉर्म में बदल गया.

एमिसैट (EMISAT) उपग्रह: एक दृष्टि

  • EMISAT, Electronic Intelligence Satellite का संक्षिप्त रूप है.
  • एमिसैट भारत का जासूसी उपग्रह है. इस सैटलाइट को अंतरिक्ष में भारत की ‘आंख और कान’ कहा जा रहा है.
    इस सैटलाइट का वजन 436 किलोग्राम है.
  • यह रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) को डिफेंस रिसर्च में मदद करेगा.
  • वैज्ञानिकों ने एमिसैट को DRDO की हैदराबाद लैब ने ‘प्रॉजेक्‍ट कौटिल्‍य’ के तहत बनाया है.
  • इसे बनाने का उद्देश्‍य रेडार नेटवर्क की निगरानी करना और विद्युत चुंबकीय माप लेना है.
  • यह दुश्‍मन देश के रेडार को ढूंढकर उसे नष्‍ट कर सकता है ताकि उस पर हवाई हमला करते समय एयर डिफेंस सिस्‍टम उसके विमानों को निशाना न बना सकें.
  • एमिसैट इजरायल के प्रसिद्ध जासूसी उपग्रह ‘सरल’ पर आधारित है. ये दोनों ही सैटलाइट एसएसबी-2 प्रोटोकॉल को फॉलो करते हैं.
  • यह उपग्रह चीन और पाकिस्‍तान में चल रही है गतिविधियों पर भी निगरानी रखने में सक्षम है.
  • इस उपग्रह की सबसे बड़ी खासियत सिग्‍नल की जासूसी करना है. इसमें जमीन से सैकड़ों किलोमीटर की ऊंचाई पर रहते हुए जमीन पर संचार प्रणालियों, रेडार और अन्‍य इलेक्‍ट्रानिक उपकरणों से निकले सिग्‍नल को पकड़ना है.
  • एमिसैट जमीन पर स्थित बर्फीली घाटियों, बारिश, तटीय इलाकों, जंगल और समुद्री की लहरों को बहुत आसानी नापने की क्षमता रखता है.