भारत और फ्रांस के बीच संयुक्त नौसैनिक अभ्यास ‘वरुण’

भारत और फ्रांस का संयुक्त नौसैन्य अभ्यास ‘वरुण-19.1’ 1 से 10 मई 2019 तक गोवा में अरब सागर तट पर आयोजित किया जा रहा है. यह अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया जाएगा. दूसरा चरण, ‘वरुण 19.2’, मई 2019 के अंत में जिबूती में आयोजित किया जायेगा. वरुण अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौ-सेनाओं के बीच आपसी ताल-मेल का रिश्ता विकसित करना है.

इस साझा अभ्यास में फ्रांसीसी नौसेना का विमानवाहक पोत चार्ल्स द गाल, दो विध्वंसक पोत एफएऩएस फोर्बिन और एफएनएस प्रोविंस, फ्रिगेट एफएनएस लातुश त्रेविले, टैंकर एफ एन एस मार्ने और परमाणु पनडुब्बी को शामिल किया गया है. भारतीय नौसेना अपने विमानवाहक पोत विक्रमादित्य, विध्वंसक पोत INS मुम्बई, फ्रिगेट INS तरकश, शिशुमार वर्ग की पनडुब्बी शंकुल और तेल वाहक पोत INS दीपक इसमें हिस्सा ले रही है.

वरुण संयुक्त नौसैनिक अभ्यास: एक दृष्टि

  • भारत और फ्रांस के बीच संयुक्त नौसैनिक अभ्यास की शुरुआत 1983 से हुई थी और साल 2001 में इसका नाम वरुण रखा गया.
  • हिंद महासागर में सहयोग की साझा सामरिक सहमति मार्च, 2018 में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुयल मैक्रों के भारत दौरे में हुई थी.
  • फ्रांस के साथ मिलिट्री लॉजिस्टिक्स समझौते के कारण भारतीय नौसेना को हिन्द महासागर में स्थित फ़्रांसिसी अड्डों में जाने की अनुमति प्राप्त है.