‘कामोव-31’ हेलीकॉप्‍टरों के खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी

भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने रुस में बने 10 ‘कामोव-31’ (Kamov-31) हेलीकॉप्‍टरों के खरीद को 3 मई को मंजूरी दी. नौसेना ने अपने जहाजों को हवाई खतरों से बचाने के लिए इन हेलीकॉप्‍टरों को खरीदने के लिए रक्षा मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था. इनकी कीमत करीब 3500 करोड़ रुपए है. भारतीय नौसेना के बेड़े में पहले से ही 12 कामोव-31 हेलीकॉप्‍टर मौजूद हैं.

भारत अपनी सेना के पुराने हो चुके चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों के स्थान पर कामोव हेलीकॉप्टरों की तैनाती चाहता है. दिसंबर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस के दौरे के समय दोनों सरकारों के बीच कामोव-31 हेलीकॉप्टरों की खरीद को लेकर समझौता हुआ था. इनमें भारतीय सेनाओं की जरूरतों के लिहाज से काफी बदलाव किए गए हैं.

‘कामोव-31’ हेलीकॉप्‍टर: मुख्य विशेषताएं

  • कामोव हेलीकॉप्‍टर बाकी हेलीकॉप्टरर्स की तुलना में बेहद हल्‍के और नियंत्रण करने में आसान होंगे.
  • इसकी अधिकतम गति 250 किलोमीटर प्रति घंटा है. यह एक साथ 40 हवा और समुद्री सतह पर मौजूद खतरों का पता लगा सकता है.
  • यह 9840 फीट की उंचाई से 200 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद किसी भी नेवल शिप या लड़ाकू विमान की पहचान कर सकता है.
  • इन्हें एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनाती के साथ खुले समुद्र में आमने-सामने की लड़ाई की लड़ाई में इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • ये हेलिकॉप्टर एयरक्राफ्ट कैरियर ऑपरेशंस और ग्रेगरीविच क्लास जंगी जहाज पर तैनात किया जा सकता है.
  • कामोव-31 को E-801M Oko (Eye) एयरबोर्न इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर रडार से सुसज्जित किया गया है. यह रडार हर 10 सेकेंड में 360 डिग्री क्षेत्र में स्कैनिंग करता है.
  • इस हेलीकॉप्टर को हवा में भारतीय नौसेना की आंख माना जाता है क्योंकि यह खुले समुद्र में चलने वाले एरक्राफ्ट कैरियर और डिस्ट्रॉयर्स की रक्षा करता है.