IMF ने भारत का GDP वृद्धि दर 7.3% रहने का अनुमान लगाया

अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वित्‍त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की आर्थिक विकास (GDP) की वृद्धि दर का अनुमान 7.3 प्रतिशत कर दिया है. IMF ने अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि भारत में 2019 (2019-20) के दौरान निवेश में निरंतर सुधार आने, मौद्रिक नीति के अधिक सरल होने की वजह से बढ़ते उपभोग और राजकोषीय नीति से पड़ने वाले कुछ असर की वजह से आर्थिक वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रह सकती है. IMF ने कहा है कि दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में 2019-20 के दौरान चीन की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रह सकती है.

IMF ने चेतावनी देते हुए कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए यह नाजुक मौका है. वैश्विक अर्थव्यवस्था ने जो रफ्तार पकड़ी थी व्यापार तनाव, ब्रेक्जिट और दूसरे कारणों से वह धीमी पड़ गई है. IMF के वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में 2019 में एक बार फिर वैश्विक वृद्धि को कम कर 3.3 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे पहले आईएमएफ ने जनवरी में वैश्विक आर्थिक वृद्धि 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. इससे भी पहले अक्टूबर में आईएमएफ ने इसके 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था.

अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष: एक दृष्टि

अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जो अपने सदस्य देशों की वैश्विक आर्थिक स्थिति पर नज़र रखने का काम करती है. इसका मुख्यालय वॉशिंगटन डीसी, संयुक्त राज्य में है. इस संगठन के प्रबंध निदेशक डॉमनिक स्ट्रॉस है. आईएमएफ की स्थापना 1944 में की गई थी.


UN-ESCAP के अनुसार भारत की GDP वृद्धि 7.5 फीसद रहेगी

संयुक्त राष्ट्र के एशिया-प्रशांत आर्थिक एवं सामाजिक आयोग (United Nations Economic and Social Commission for Asia and the Pacific UN-ESCAP) ने चालू वित्त वर्ष (2019-20) में भारत की विकास दर बढ़कर 7.5 फीसद पर पहुंच जाने का अनुमान व्यक्त किया है.

4 अप्रैल को प्रकाशित एशिया-प्रशांत आर्थिक एवं सामाजिक सर्वेक्षण 2019 में कहा गया है कि गत 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2018-19 में देश की अनुमानित विकास दर 7.2 फीसद रही है जिसके चालू वित्त वर्ष में 7.5 फीसद पर पहुंच जाने की उम्मीद है. वित्त वर्ष 2020-21 में इसके 7.6 फीसद रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है.