गोलान पहाड़ी पर इजराइल की सम्‍प्रभुता को अमेरिकी मान्‍यता

अमरीका ने गोलान पहाड़ी (Golan Heights) पर इजराइल की सम्‍प्रभुता को मान्‍यता दे दी है. राष्‍ट्रपति डॉनल्‍ड ट्रम्‍प ने इससे संबंधित घोषणा-पत्र पर 25 मार्च को हस्‍ताक्षर किये. ये हस्‍ताक्षर इजराइल के प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्‍याहू की अमेरिका की यात्रा के दौरान किये गये.

गोलान पहाड़ी (Golan Heights) क्या है?

गोलान पहाड़ी दक्षिणी-पश्चिमी सीरिया में स्थित एक विवादित क्षेत्र है. यह लगभग 1,800 वर्ग किलोमीटर (690 वर्ग मील) फैला हुआ है. ये क्षेत्र राजनीतिक और रणनीतिक रूप से खासा अहम है.

सीरिया ने गोलान पहाड़ी का इस्तेमाल इसराइली किसानों पर हमला करने के लिए किया. जिसके फलस्वरूप इसरायल ने 1967 में सीरिया के साथ युद्ध में गोलान की पहाड़ी पर कब्‍जा कर लिया था. अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय इस क्षेत्र पर इजराइल के अधिकार को मान्‍यता नहीं देता और इसे सर्वोच्च सीरियाई क्षेत्र के रूप में मानता है.

गोलान पहाड़ी का रणनीतिक महत्व

गोलान पहाड़ी की चोटी से दक्षिणी सीरिया और सीरिया की राजधानी दमिश्क साफ नज़र आते हैं. ये दोनों इलाके यहां से करीब 60 किलोमीटर ही दूर है. गोलान पहाड़ी से इसराइल सीरिया की गतिविधियों पर बराबर नज़र रख सकता है. गोलान इसराइल का इकलौता स्की रिसोर्ट भी है.

पांच यूरोपीय देशों ने अमेरिका के फैसले को खारिज किया

पांच यूरोपीय देश बेल्जियम, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और पोलैंड ने गोलन पहाड़ियों को इजरायल क्षेत्र के रूप में मान्यता देने के अमेरिका के फैसले को खारिज कर दिया है.

सीरिया ने गोलान पहाड़ियों को इस्राइली क्षेत्र के रूप में मान्यता देने की अमरीका की घोषणा को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आपात बैठक बुलाने की मांग की है.