भारत का 70वां गणतंत्र दिवस

देश 26 जनवरी 2019 को 70वां गणतंत्र दिवस मनाया. इस अवसर पर मुख्‍य समारोह राष्‍ट्रीय राजधानी में राजपथ पर आयोजित किया गया. यहां हर साल की तरह देश की संस्कृति को दिखाने वाली झाकियों के साथ भारतीय सेना ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया. राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परेड की सलामी ली.

अफ्रीका के राष्‍ट्रपति गणतंत्र दिवस परेड में मुख्‍य अतिथि
70वें गणतंत्र दिवस 2019 परेड में मुख्य अतिथि दक्षिण अफ्रीका के राष्‍ट्रपति सिरिल रामाफोसा थे. राष्ट्राध्यक्ष के रूप में राष्ट्रपति रामाफोसा की यह पहली भारत यात्रा थी. पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के बाद गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने वाले वे दक्षिण अफ्रीका के दूसरे राष्ट्रपति हैं.

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या राष्ट्रपति का संबोधन
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने अभी तक भारत की विकास यात्रा का ब्योरा पेश किया. उन्होंने नए भारत के निर्माण के लिए खाका भी देश के सामने रखा. राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि आज के फैसले कल के भारत का निर्माण करेगें, जिसके लिए हम सबको मिलकर सामूहिक संकल्प के साथ आगे बढ़ने की ज़रूरत है.

70वां गणतंत्र दिवस: एक दृष्टि

  • बापू की 150वीं जयंती के मौके पर इस बार गणतंत्र दिवस परेड की थीम ‘बापू’ थे.
  • भारतीय सेना की सर्विस कॉर्प्स रेजीमेंट का नेतृत्व महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी ने किया.
  • गणतंत्र दिवस की परेड में पहली बार महिला असम राइफल टुकड़ी ने हिस्‍सा लेकर इस साल इतिहास रच दिया.
  • सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी ने पहली बार गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लिया.
  • भारत में ही बनी K-9 वज्र का प्रदर्शन भी किया गया. इसका निर्माण एल ऐंड टी ने ‘मेक इन इंडिया’ के तहत किया है.

गणतन्त्र दिवस क्या है?
गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है. इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था. एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था.

प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हज़ारिका को ‘भारत रत्न’ सम्मान देने की घोषणा

70वें गणतंत्र दिवस 2019 की पूर्व संध्या पर देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ की घोषणा की गयी. इस घोषणा के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रसिद्ध संगीतकार भूपेन हजारिका एवं समाजसेवी नानाजी देशमुख को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाएगा.

प्रणब मुखर्जी: प्रणब मुखर्जी का जन्म पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में 11 दिसंबर, 1935 में हुआ था. उनके पिता कामदा किंकर मुखर्जी क्षेत्र के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे और आजादी की लड़ाई में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के चलते वह 10 वर्षों से ज्यादा समय तक ब्रिटिश जेलों में कैद रहे. मुखर्जी ने लंबे समय तक पहले शिक्षक, एक वकील एवं पत्रकार के तौर पर काम किया. मुखर्जी के राजनीतिक जीवन की शुरुआत वर्ष 1969 में हुई जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मात्र 35 वर्ष की अवस्था में कांग्रेस पार्टी की ओर से राज्यसभा का सदस्य बना दिया. मुखर्जी पहली बार वह लोकसभा के लिए पश्चिम बंगाल के जंगीपुर निर्वाचन क्षेत्र से 2004 में चुने गए थे. वह लंबे समय तक देश के वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री, योजना आयोग के उपाध्यक्ष आदि पदों पर रहे. प्रणब मुखर्जी 2012 से 2017 तक भारत के 13वें राष्ट्रपति थे.

नानाजी देशमुख: मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित नानाजी देशमुख का जन्म 11 अक्टूबर 1916 में और निधन 27 फरवरी 2010 में हुआ था. उनका वास्तविक नाम चंडिकादास अमृतराव देशमुख था. वह एक भारतीय समाजसेवी थे. वे भारतीय जनसंघ के संस्थापक नेता भी रहे. 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी, तो उन्हें मोरारजी देसाई मनिमंडल में शामिल किया गया परन्तु उन्होंने यह कहकर कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग सरकार से बाहर रहकर समाज सेवा का कार्य करे, मंत्री पद ठुकरा दिया था. वह जीवन पर्यन्त दीनदयाल शोध संस्थान के अन्तर्गत चलने वाले विविध प्रकल्पों के विस्तार हेतु कार्य करते रहे. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया. वाजपेयी के कार्यकाल में ही केन्द्र सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्य व ग्रामीण स्वालम्बन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिये पद्म विभूषण भी प्रदान किया था. उन्होंने चित्रकूट के ग्रामोदय विविद्यालय की स्थापना की थी और स्वावलंबन पर आधारित ग्राम स्वराज का अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत किया था.

भूपेन हजारिका: मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित भूपेन हजारिका पूर्वोत्तर के एक बहुमुखी प्रतिभा के गीतकार, संगीतकार और गायक थे. इसके अलावा वे असमिया भाषा के कवि, फिल्म निर्माता, लेखक और असम की संस्कृति और संगीत के अच्छे जानकार भी रहे थे. वे ऐसे विलक्षण कलाकार थे जो अपने गीत खुद लिखते थे, संगीतबद्ध करते थे और गाते थे. उन्हें दक्षिण एशिया के श्रेष्ठतम सांस्कृतिक दूतों में से एक माना गया. उन्होंने कविता लेखन, पत्रकारिता, गायन, फिल्म निर्माण आदि अनेक क्षेत्रों में काम किया. उन्होंने अपनी मातृभाषा असमिया के अलावा हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाना गाया. उनका जन्म असम के तिनसुकिया जिले की सदिया में हुआ था. न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विविद्यालय से उन्होंने पीएचडी की डिग्री हासिल की. उन्हें 1992 में सिनेमा जगत के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के सम्मान से सम्मानित किया गया. इसके अलावा उन्हें 2009 में असोम रत्न और उसी साल संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड, 2011 में पद्म भूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. उनका निधन पांच नवंबर 2011 को हुआ था.

पद्म पुरस्कार 2019 की घोषणा

सरकार ने वर्ष 2019 के पद्म पुरस्कारों की घोषणा 25 जनवरी को कर दी. इस वर्ष कुल 112 लोगों को पद्म पुरस्कार दिए जायेंगे. 4 लोगों को पद्म विभूषण, 14 को पद्म भूषण और 94 को पद्मश्री पुरस्कार दिया जाएगा. पद्म पुरस्कार पाने वालों में 21 महिलाएं, एक ट्रांसजेंडर और 11 विदेशी/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई शामिल हैं. वहीं, पद्म पुरस्कारों में से तीन ऐसे हैं जिन्हें मरणोपरान्त यह सम्मान दिया जायेगा.

जानिए क्या है पद्म पुरस्कार और पद्म पुरस्कार 2019 की पूरी लिस्ट


वीरता पुरस्कारों की घोषणा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 70वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर वीरता पुरस्कारों की घोषणा की. पुलिस एवं अर्द्ध-सैनिक बलों के कुल 855 कर्मियों को पुलिस पदकों से सम्मानित किया गया है. वहीं शांति के समय दिया जाने वाला सर्वोच्च वीरता पुरस्कार ‘अशोक चक्र’ लांस नायक नजीर अहमद वानी को दिया गया.

सेना के लांस नायक नजीर अहमद वानी को अशोक चक्र
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 70वें गणतंत्र दिवस परेड से पहले लांस नायक नजीर अहमद वानी को वीरता का ‘अशोक चक्र’ सम्मान दिया. राजपथ पर बने सलामी मंच पर वानी की पत्नी महजबीं ने यह सम्मान ग्रहण किया. ‘अशोक चक्र’ शांति काल में दिया जाने वाला वीरता का सबसे बड़ा सम्मान है.

38 वर्षीय वानी जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गये थे. वे जम्म कश्मीर के कुलगाम जिले के चेकी अश्मुजी के रहने वाले थे. शुरू में आतंकी रहे वानी बाद में हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में लौट आए थे. वह 2004 में सेना में शामिल हुए थे. यह पहला मौका है जब जम्मू कश्मीर के किसी व्यक्ति को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया.


भारत और मालदीव में समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद और चिकित्‍सा के क्षेत्र में सहमति.

भारत और मालदीव ने समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और चिकित्‍सा सहयोग के क्षेत्र में परंपरागत निकट सहयोग को जारी रखने पर सहमति व्‍यक्‍त की हैं. नई दिल्‍ली में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और भारत की यात्रा पर आये मालदीव की रक्षामंत्री मारिया अहमद डीडी के बीच 24 जनवरी को हुई बैठक में यह सहमति बनी. दोनों देशों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के बारे में विस्‍तृत चर्चा की.


भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच रक्षा सहित कई क्षेत्रों में सहमति

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 25 जनवरी को रक्षा सहित कई क्षेत्रों में सहमति बनी. यह सहमति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत यात्रा पर आए दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के बीच हुई वार्ता के दौरान बनी. इस वार्ता में दोनों देशों बीच रक्षा, सुरक्षा, कारोबार, निवेश, शिक्षा, विज्ञान तथा बहुस्तरीय मंचों पर आपसी सहयोग बढ़ाने को लेकर व्यापक र्चचा की. साथ ही दोनों देशों ने तीन वर्षीय सामरिक कार्यक्रम पर भी सहमति व्यक्त की.


गन्ने का जूस पाकिस्तान का राष्ट्रीय जूस घोषित

पाकिस्तान सरकार ने गन्ने के जूस को देश का राष्ट्रीय जूस घोषित किया गया है. सरकार ने यह निर्णय एक आनलाइन पोल के जरिये किया. इस पोल में 7600 लोगों ने अपनी राय दी. इसमें से 81 प्रतिशत लोगों ने गन्ने के जूस में अपना मत दिया जबकि संतरे और गाजर के जूस के लिए क्रमश: 15 और 4 प्रतिशत ने अपना मत जताया. गन्ने का जूस पूरे पाकिस्तान में आसानी से उपलब्ध है. उल्लेखनीय है कि हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने अपने ट्वीटर एकाउंट पर गुलाब जामुन को राष्ट्रीय मिठाई घोषित किया था.

देश-दुनिया: एक दृष्टि

सामयिक घटनाचक्र डेलीडोज

संयुक्त राष्ट्र का पेरिस समझौते पर अमल की अपील: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख अंतोनियो गुतेरेस ने विश्व समुदाय से पेरिस समझौते पर आगे बढ़कर कदम उठाने अमल की अपील की है.

अमरीका आंशिक कामबंदी: अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड़ ट्रंप ने सरकार में जारी कामबंदी को अस्थायी रूप से फरवरी के मध्य तक तीन सप्ताह के लिए समाप्त करने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ सहमति होने की घोषणा की है. राष्ट्रपति ने हालांकि कहा कि अगर देश की कांग्रेस में इस मुद्दे पर सही उचित सहमति नहीं होती तो सरकार को 15 फरवरी से फिर कामबंदी सा सामना करना पड़ेगा.

तालिबान और अमरीका वार्ता: तालिबान ने मुल्‍ला अब्‍दुल गनी ब्रादर को कतर में अपने राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख बनाया है. तालिबान का मानना है कि इस कदम से तालिबान और अमरीका के बीच चल रही वार्ता प्रक्रिया को बल मिलेगा. हाल ही में कतर में तालिबान और अमरीका के बीच चौथे दौर की वार्ता शुरू हुई है.