गोलन हाइट्स का नामकरण

इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर गोलन हाइट्स (Golan Heights) का नामकरण रमात ट्रंप रखा है. प्रधानमंत्री नेतन्याहू के अनुसार, ट्रंप के नाम पर बस्ती का नामकरण अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्य का सम्मान है जोकि विभिन्न क्षेत्रों में इस्रइल के हित के लिए किया गया है. मसलन, येरुशलम को इस्रसल की राजधानी की मान्यता देना और गोलन हाइट्स पर इस्रइल की संप्रभुता प्रदान करना जिसका अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने आलोचना की.

गोलन हाइट्स पर इजराइल की सम्‍प्रभुता को अमेरिकी मान्‍यता
अमरीका ने 25 मार्च 2019 को गोलान पहाड़ी पर इजराइल की सम्‍प्रभुता को मान्‍यता दे दी थी. राष्‍ट्रपति डॉनल्‍ड ट्रम्‍प ने इससे संबंधित घोषणा-पत्र पर हस्‍ताक्षर किये थे. इस घोषणा-पत्र पर हस्‍ताक्षर इस्राइल के प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्‍याहू की अमेरिका की यात्रा के दौरान किये गये थे.

गोलन हाइट्स (Golan Heights) क्या है?

गोलन हाइट्स या गोलान पहाड़ी दक्षिणी-पश्चिमी सीरिया में स्थित एक विवादित क्षेत्र है. यह लगभग 1,800 वर्ग किलोमीटर (690 वर्ग मील) फैला हुआ है. ये क्षेत्र राजनीतिक और रणनीतिक रूप से खासा अहम है.

सीरिया ने गोलन हाइट्स का इस्तेमाल इसराइली किसानों पर हमला करने के लिए किया. जिसके फलस्वरूप इस्राइल ने 1967 में सीरिया के साथ युद्ध में गोलन हाइट्स पर कब्‍जा कर लिया था. अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय इस क्षेत्र पर इस्राइल के अधिकार को मान्‍यता नहीं देता और इसे सर्वोच्च सीरियाई क्षेत्र के रूप में मानता है.

गोलन हाइट्स का रणनीतिक महत्व

गोलन हाइट्स की चोटी से दक्षिणी सीरिया और सीरिया की राजधानी दमिश्क साफ नज़र आते हैं. ये दोनों इलाके यहां से करीब 60 किलोमीटर ही दूर है. गोलन हाइट्स से इसराइल सीरिया की गतिविधियों पर बराबर नज़र रख सकता है. गोलान इसराइल का इकलौता स्की रिसोर्ट भी है.

पांच यूरोपीय देशों ने अमेरिका के फैसले को खारिज किया

पांच यूरोपीय देश बेल्जियम, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और पोलैंड ने गोलन हाइट्स को इजरायल क्षेत्र के रूप में मान्यता देने के अमेरिका के फैसले को खारिज कर दिया है.

सीरिया ने गोलन हाइट्स को इस्राइली क्षेत्र के रूप में मान्यता देने की अमरीका की घोषणा को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आपात बैठक बुलाने की मांग की है.