संसद के संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण

17वीं लोकसभा के गठन के बाद 20 जून को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के दोनो सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित किया. अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने शक्तिशाली और समावेशी भारत सरकार की अवधारणा को रेखांकित किया.
हाल ही में संपन्न हुए चुनावों के बाद लोकसभा का यह पहला सत्र था. इसी वजह से राष्ट्रपति ने संयुक्त बैठक में अभिभाषण दिया. प्रत्येक वर्ष संसद के पहले सत्र की शुरुआत ‘केंद्रीय कक्ष’ में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक से होती है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के मुख्य बिंदु

  • लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप सरकार एक मजबूत, सुरक्षित, समृद्ध और समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रही है.
  • लोकसभा के इतिहास में सबसे अधिक संख्‍या में महिलाएं चुनकर आई हैं. लोकसभा में 78 महिला सांसदों का चुना जाना नए भारत की तस्वीर प्रस्तुत करता है.
  • उन्‍होंने छोटे दुकानदारों और खुदरा विक्रेताओं के लिए पेंशन योजना की प्रशंसा की. इस योजना का लाभ देश के लगभग 3 करोड़ छोटे दुकानदारों को मिलेगा.
  • राष्‍ट्रपति ने कहा कि जल संरक्षण पर जोर देते हुए सरकार ने एक अलग जल शक्ति मंत्रालय बनाया है. इसके जरिए जल संरक्षण और प्रबंधन को और अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकेगा.
  • ग्रामीण भारत को मजबूत बनाने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है. कृषि क्षेत्र की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए, आने वाले वर्षों में 25 लाख करोड़ रुपए का और निवेश किया जाएगा.
  • वर्ष 2022 तक देश के किसान की आय दोगुनी हो सके, इसके लिए पिछले 5 वर्षों में अनेक कदम उठाए गए हैं.
  • राष्‍ट्रपति ने देश में हर बहन-बेटी को समान अधिकार सुनिश्चित करने के लिए तीन तलाक और निकाह हलाला की प्रथा के उन्‍मूलन की आवश्‍यकता पर जोर दिया.
  • सकल घरेलू उत्‍पाद के आधार पर भारत की अर्थव्‍यवस्‍था दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बनने की राह पर है. वर्ष 2024 तक भारत को पचास खरब डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाना सरकार का लक्ष्‍य है.