FATF ने पाकिस्तान को ‘ग्रे-लिस्ट’ में बरकरार रखा

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को ‘ग्रे-लिस्ट’ में बरकरार रखने का फैसला किया है. अमेरिका के फ्लोरिडा में 21 जून को हुई FATF की बैठक में यह फैसला लिया गया. FATF द्वारा दिए गये अवधि में पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद पर पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर पाने के कारण ‘ग्रे-लिस्ट’ में बरकरार रखा गया है. FATF ने कहा कि अक्टूबर, 2019 तक यदि पाकिस्तान उसकी 27 मांगों पर काम नहीं करता है तो उसे ब्लैक-लिस्ट कर दिया जाएगा.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2018 में इसे ग्रे-लिस्ट के डाला था. इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा है.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

Argentina, Australia, Austria, Belgium, Brazil, Canada, China, Denmark, European Commission, Finland, France, Germany, Greece, Gulf Co-operation Council, Hong Kong, China, Iceland, India, Ireland, Israel, Italy, Japan, Republic of Korea, Luxembourg, Malaysia, Mexico, Netherlands, New Zealand, Norway, Portugal, Russian Federation, Singapore, South Africa, Spain, Sweden, Switzerland, Turkey, United Kingdom, United States and Saudi Arabia

FATF के पर्यवेक्षक देश

Indonesia