मजदूर दिवस (May Day / Labour Day)

प्रत्येक वर्ष 1 मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसे मई दिवस या कामगार दिवस के रूप में भी जाना जाता है. इसे अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संघों को प्रोत्साहन और बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है.

मजदूर दिवस का इतिहास

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मज़दूर दिवस मनाने की शुरुआत 1 मई, 1886 को हुई. उस दिन अमरीका के मज़दूर संघों ने मिलकर निश्चय किया कि वे रोज़ाना 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे. इसके लिए मज़दूर संघों ने हड़ताल की. इस दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम विस्फोट के बाद पुलिस की गोलीबारी में कई मज़दूरों की जान गई. 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में घोषणा की गई कि हेमार्केट में मारे गये निर्दोष लोगों की याद में 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाएगा और इस दिन सभी कामगारों तथा श्रमिकों का अवकाश रहेगा.

भारत के सन्दर्भ में मजदूर दिवस

भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई, 1923 को इसकी शुरूआत की थी. हालांकि उस समय इसे मद्रास दिवस के रूप में मनाया जाता था लेकिन अब दुनिया के अन्य देशों की तरह इसे मई दिवस के रूप में ही मनाया जाता है.