जापान के ओसाका में 14वें जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया
14वें जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन 28 और 29 जून 2019 को जापान के ओसाका में किया गया. इस सम्मेलन का विषय ‘मानव केन्द्रित भावी समाज’ था.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया. पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु इस सम्मेलन में भारत के शेरपा थे. शेरपा अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलनों में बैठक की तैयारी के लिए राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष के प्रतिनिधि होते हैं.
14वें जी-20 शिखर सम्मेलन सदस्य देशों ने वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का मिलकर सामना करने पर सहमति व्यक्त की है. सम्मेलन में शामिल नेताओं ने सबके लाभ के लिए वैश्विक आर्थिक वृद्धि को सामूहिक रूप से सशक्त करने और नई तकनीक, डिजिटिकरण और इसके अनुपयोग की शक्ति का उपयोग करने पर भी सहमति व्यक्त की. शिखर सम्मेलन के बाद जारी वक्तव्य में अमरीका को छोड़कर बाकी सभी 19 देशों ने कहा कि जलवायु परिवर्तन संबंधी पेरिस समझौते से पीछे नहीं हटा जा सकता. इन देशों ने इस समझौते पर पूरी तरह से अमल करने का संकल्प व्यक्त किया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14वें जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय वार्ता की. इस वार्ता के महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं:
- जापान: प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के अपने समकक्ष शिंजो आबे के साथ नियंत्रण अर्थव्यवस्था, भगोड़े आर्थिक अपराधियों और आपदा प्रबंधन जैसे अहम मुद्दों पर र्चचा की. उन्होंने अक्टूबर 2019 में होने वाले सम्राट नारुहितो के राज्याभिषेक कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हिस्सा लेने की घोषणा की. प्रधानमंत्री ने आबे और जापान के नागरिकों को रीवा युग की शुरुआत के लिये बधाई दी.
- 1 मई 2019 को नए सम्राट नारुहितो के पद संभालने के साथ ही जापान में ‘रीवा’ युग की शुरुआत हो गई. जापान में सम्राट के बदलने के साथ ही युग बदल जाता है. रीवा नये युग के लिये इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है. जापानी भाषा में इस शब्द का इस्तेमाल ‘शांति’ के लिये भी किया जाता है.
- अमरीका: प्रधानमंत्री मोदी और अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने ईरान, व्यापार, रक्षा और 5-जी संचार नेटवर्क सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों को सैन्य सहयोग सहित विभिन्न क्षेत्रों में मिलकर काम करना चाहिए.
- जय (JAI) देशों की त्रिपक्षीय बैठक: जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर जापान, अमरीका और भारत (JAI) की त्रिपक्षीय बैठक हुई. त्रिपक्षीय बैठक के दौरान नरेन्द्र मोदी ने जापान, अमरीकी और भारत के सहयोग के महत्व को स्पष्ट किया.
- ब्रिक्स की अनौपचारिक बैठक: प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स यानी ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की अनौपचारिक बैठक में हिस्सा लिया. उन्होंने ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलोसोनारो, रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति षी-चिनफिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के साथ आंतकवाद के खतरे पर चर्चा की.
- दक्षिण कोरिया और सउदी अरब: श्री मोदी ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून-जे-इन और सउदी अरब के शहजादा मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज से भी मुलाकात की. सउदी अरब के शहजादे ने प्रधानमंत्री मोदी को अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया.
- चीन और रूस: प्रधानमंत्री ने रूस, भारत और चीन यानी RIC नेताओं की बैठक की भी अध्यक्षता की. बैठक में चीन के राष्ट्रपति षी-चिनफिंग और रूस के राष्ट्र ब्लादिमीर पुतिन के साथ त्रिपक्षीय बैठक में आंतकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई.
- इंडोनेशिया: इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो के साथ बैठक में दोनों देशों ने 2025 तक आपसी व्यापार 50 अरब डालर करने का लक्ष्य निर्धारित किया. प्रधानमंत्री ने श्री विदोदो के साथ रक्षा, समुद्री सहयोग और अंतरिक्ष में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बारे में अपने विचार साझा किए.
- तुर्की: तुर्की के राष्ट्रपति रेसिप तैयब एर्दोगान के साथ चर्चा में प्रधानमंत्री मोदी ने व्यापार और निवेश के साथ रक्षा, आतंकवाद के विरूद्ध संघर्ष, सूचना प्रौद्योगिकी और नागर विमानन क्षेत्र में भी सहयोग बढाने पर चर्चा की.
- ऑस्ट्रेलिया: प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से भी मुलाकात की और उनके साथ खेल, खनन प्रौद्योगिकी, रक्षा और समुद्री सहयोग तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बारे में चर्चा की.