क्या है पनामा पेपर्स?

पनामा पेपर्स एक दस्तावेज है जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय रूप से किये गये भ्रष्टाचार का उल्लेख है. यह दस्तावेज पनामा (उत्तरी व दक्षिणी अमरीका को भू-मार्ग से जोडऩे वाला देश) की एक कानूनी कंपनी ‘मोसेक फोंसेका’ के सर्वर को वर्ष 2013 में हैक करके निकाला गया है. ‘मोसेक फोंसेका’ ने कई देशों के लोगों को गैर कानूनी रूप से टैक्स बचाने में मदद की थी. साथ ही इस कंपनी के माध्यम से काफी मात्रा में काले धन को सफ़ेद किया गया.

क्या करती है ‘मोसेक फोंसेका’ कंपनी?

यह पनामा देश की एक लॉ कंपनी कम्पनी है जो पैसे का मैनेजमैंट करने का काम करती है. यदि आपके पास बहुत-सा पैसा है और आप उसे सुरक्षित रूप से ठिकाने लगाना चाहते हैं तो यह आपकी मदद करती है. यह आपके नाम से फर्जी कंपनी खोलती है और कागजों का हिसाब रखती है. इस कंपनी द्वारा दुनिया भर में किए जा रहे कारोबार पर ही पनामा देश की अर्थव्यवस्था भी निर्भर करती है.
यह कंपनी करीव 42 देशों में सक्रिय है जिसके कम से कम 600 लोगों का स्टाफ है. कुछ देशों में इसने अपनी फ्रैंचाइजी भी दी हुई है. जहां इसके ब्रांड नाम का प्रयोग किया जाता है. ‘टैक्स हैवन’ कहे जाने वाले देशों स्विट्जरलैंड, साइप्रस और ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड, जर्सी आदि में यह सबसे ज्यादा जोरदार काम कर रही है.

panama paper investigation

किसने किया पनामा पेपर्स का खुलासा?

इंटरनैशनल कन्सॉर्टियम ऑफ इन्वैस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) नाम के पत्रकारों के समूह (एनजीओ) ने मोसेक फोंसेका कंपनी द्वारा हुए भ्रष्टाचार पनामा पेपर्स के नाम से ख़ुलासा किया. पत्रकारों के इस समूह ने करीब 1 करोड़ 10 लाख दस्तावेजों का खुलासा क्रमवार किया है. 70 देशों के 370 रिपोर्टरों ने इनकी जांच की और यह जांच करीब 8 महीने तक की गई. दुनिया भर के 190 खोजी पत्रकार इस समूह से जुड़े हैं. इसमें 76 देशों के 109 मीडिया संस्थान शामिल रहे. जांच में जो डेटा सामने आया वह लगभग 40 सालों का है.

पनामा पेपर्स में क्या है?

पनामा पेपर्स बताते हैं कि किस तरह से पैसे वाले लोग ऐसी जगह पर अपना पैसा लगाते हैं जहां टैक्स का कोई चक्कर ही नहीं हो. यानी ‘टैक्स चोरी का स्वर्ग’. इसमें जिन 143 राजनेताओं के बारे में इसमें जिक्र किया गया है उनमें से 12 तो अपने देशों के राष्ट्राध्यक्ष हैं. उनके परिवार व नजदीकी लोग इससे जुड़े हैं. रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खास दोस्त सर्जेई रोल्दुगिन का भी नाम इसमें आया है. इस पैसे को जिस रिजॉर्ट में लगाया गया था उसमें पुतिन की बेटी कैटरीना की शादी भी 2013 में हुई थी.
इन दस्तावेजों में करीब 500 भारतीयों के नाम भी हैं, उनमें से 300 नामों की पुष्टि भी की जा चुकी है. जांच में ढेरों फिल्मी और खेल जगत की हस्तियों के अलावा लगभग 140 राजनेताओं, अरबपतियों की छिपी संपत्ति का भी खुलासा हुआ है. जर्मनी के एक अखबार के मुताबिक, इस पेपर लीक से 2.6 टेराबाइट डेटा सामने आया है जो लगभग 600 डीवीडी में आ सकता है.

आखिर क्या हैं पनामा पेपर्स मायने?

सवाल है कि इस पेपर लीक में जिन हस्तियों के अपने विदेशी खातों में वित्तीय लेनदेनों का खुलासा हुआ है, क्या वह लेनदेन पूरी तरह गैरकानूनी हैं? इस बारे में ICIJ का कहना है कि निश्चित तौर पर हो सकता है कि यह पूरी तरह गैरकानूनी न हो, लेकिन यह इतना तो दिखाता ही है कि किस तरह इन हस्तियों द्वारा देश के कोष को टैक्स बचाकर नुकसान पहुंचाया गया. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘टैक्स सेविंग फर्म्स जो सेवाएं उपलब्ध कराती हैं, वे बेशक पूरी तरह कानूनी हैं. लेकिन ये दस्तावेज दिखाते हैं कि बैंकों, लॉ फर्म्स और ऐसी ही अन्य एजेंसियों ने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया.’ रिपोर्ट में आगे दिया है, ‘कई मामलों में पाया गया है कि इन मध्यस्थों ने अपने क्लाइंट्स के संदिग्ध लेनदेनों को या तो छिपाया या ऑफिशल रेकॉर्ड्स के छेड़छाड़ कर उन्हें सामने नहीं आने दिया.’

क्या है इस तरह के विदेशी खातों का मतलब?

बड़ी हस्तियां अपने निवास के देश से बाहर जो खाते रखते हैं, उनका मकसद कई तरह के वित्तीय और कानूनी लाभों को लेना होता है. ये विदेशी खाते अधिकतर ऐसे देशों में रखे जाते हैं, जिन्हें ‘टैक्स हैवेन’ माना जाता है. इन खातों का उपयोग पैसे को देश के बैंकिंग सिस्टम की नजर से बचाकर बाहर ले जाने और टैक्स अथॉरिटीज़ की नज़र से बचाकर टैक्स सेविंग के लिए किया जाता है. पैसा जमा करने के लिए सबसे सुरक्षित देश स्विट्जरलैंड व हांगकांग माने जाते हैं. इसके बाद पनामा का नंबर आता है.

लिस्ट में किस-किस का नाम है?

ICIJ का कहना है कि वह जल्द ही ऐसी हस्तियों की पूरी लिस्ट जारी करेगी. सबूत के तौर पर इनके ई-मेल्स, फाइनैंशल डॉक्युमेंट्स और पासपोर्ट आदि को भी सामने लाया जाएगा. हालांकि अभी जिन हस्तियों के नाम सामने आए हैं, वे भी कम चौंकाने वाले नहीं हैं. इनमें आइसलैंड और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, यूक्रेन के राष्ट्रपति, सऊदी अरब के राजा और डेविड कैमरन के पिता का नाम प्रमुख है.

इनके अलावा लिस्ट में व्लादिमीर पुतिन के करीबियों, अभिनेता जैकी चैन और फुटबॉलर लियोनेल मेसी का नाम भी है. हालांकि इन हस्तियों ने ऐसा कर कोई गैर-कानूनी काम किया है, इस बारे में पेपर्स में कुछ नहीं कहा गया है.

आगे क्या होगा?

इस खुलासे के बाद पुलिस और टैक्स अथॉरिटीज़ ने जांच शुरू कर दी है और उनके राडार पर HSBC, UBS और ड्यूश बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय बैंक हैं. इन बैंकों का कहना है कि वे जांच एजेंसियों का पूरी तरह सहयोग करेंगे. पनामा स्थित लॉ फर्म मोसेक फोंसेका के को-फाउंडर रेमन फोंसेका ने स्पष्ट किया है कि ये दस्तावेज पूरी तरह सही हैं और हैकर्स ने गैरकानूनी तरीके से इन्हें हैक किया है.