क्या है नोबेल पुरस्कार?
शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार है. प्रत्येक पुरस्कार एक अलग समिति द्वारा प्रदान किया जाता है.
द रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस भौतिकी, अर्थशास्त्र और रसायनशास्त्र में, कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट औषधी के क्षेत्र में, नॉर्वेजियन नोबेल समिति शांति के क्षेत्र में पुरस्कार प्रदान करती है.
प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक मेडल, एक डिप्लोमा, एक मोनेटरी एवार्ड प्रदान की जाती है.
कैसे शुरू हुआ यह?
यह पुरस्कार नोबेल फाउंडेशन द्वारा स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड बर्नाड नोबेल की याद में दिया जाता है. अल्फ्रेड नोबेल ने दिसंबर 1896 में अपने मृत्यु के पूर्व अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा एक ट्रस्ट के लिए सुरक्षित रख दिया था. उनकी इच्छा थी कि इस पैसे के ब्याज से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए जिनका काम मानव जाति के लिए सबसे कल्याणकारी पाया जाए.
स्वीडिश बैंक में जमा इसी राशि के ब्याज से नोबेल फाउँडेशन द्वारा हर वर्ष शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र में सर्वोत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है.
क्या है नोबेल फ़ाउंडेशन?
नोबेल फ़ाउंडेशन की स्थापना 29 जून 1900 को हुई तथा 1901 से नोबेल पुरस्कार दिया जाने लगा. इसका उद्देश्य नोबेल पुरस्कारों का आर्थिक रूप से संचालन करना है.
नोबेल फाउंडेशन मे 5 लोगों की टीम है जिसका मुखिया स्वीडन की किंग ऑफ काउन्सिल द्वारा तय किया जाता है अन्य चार सदस्य पुरस्कार वितरक संस्थान के न्यासी (ट्रस्टियों) द्वारा तय किए जाते हैं.
स्टॉकहोम में नोबेल पुरस्कार सम्मान समारोह का मुख्य आकर्षण यह होता है कि सम्मान प्राप्त व्यक्ति स्वीडन के राजा के हाथों पुरस्कार प्राप्त करते है.
पुरस्कार के लिए बनी समिति और चयनकर्ता हर साल अक्टूबर में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा करते हैं लेकिन पुरस्कारों का वितरण अल्फ्रेड नोबेल की पुण्य तिथि 10 दिसंबर को किया जाता है.
कौन थे अल्फ्रेड नोबेल?
अल्फ्रेड बर्नाड नोबेल का जन्म 1833 में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुआ था. 9 वर्ष की आयु में वह अपने परिवार के साथ रूस चले गए. नोबेल जब 18 साल के थे तो उन्हें रसायन की पढ़ाई के लिए अमेरिका भेजा गया.
अल्फ्रेड नोबेल ने 1867 में डाइनामाइट की खोज की. नोबेल ने अपनी पूरी जिंदगी में कुल 355 आविष्कार किए थे. लेकिन सबसे ज़्यादा नाम और पैसा उन्होंने 1867 में डायनामाइट के आविष्कार से कमाया.
अपनी जिंदगी में नोबेल ने शादी नहीं की. 10 दिसंबर 1896 नोबेल का दिल का दौरा पड़ने से इटली में निधन हो गया.
कब हुई अर्थशास्त्र के नोबेल की शुरुआत?
अल्फ्रेड बर्नाड नोबेल की 1895 की जिस वसीयत के तहत 1901 में जब नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत हुई उसमें अर्थशास्त्र के क्षेत्र में योगदान के लिए किसी पुरस्कार का जिक्र नहीं है. लेकिन 1968 में स्वीडन के केंद्रीय बैंक ने अपनी 300वीं वर्षगांठ पर अल्फ्रेड नोबेल की याद में इस पुरस्कार को शुरू किया.
अर्थशास्त्र का पहला नोबेल 1969 में नॉर्वे के रैगनर एंथोन किटील फ्रिश और नीदरलैंड्स के यान टिरबेरगेन को दिया गया.
महत्वपूर्ण तथ्य: एक दृष्टि
- पहला नोबेल शांति पुरस्कार 1901 में रेड क्रॉस के संस्थापक ज्यां हैरी दुनांत और फ़्रेंच पीस सोसाइटी के संस्थापक अध्यक्ष फ्रेडरिक पैसी को संयुक्त रूप से दिया गया।
- शांति के लिए दिए जाने वाला नोबेल पुरस्कार ओस्लो में जबकि बाकी सभी पुरस्कार स्टॉकहोम में दिए जाते हैं.
- किसी एक क्षेत्र से एक साल में अधिकतम तीन लोगों को पुरस्कार दिया जा सकता है. इनमें से प्रत्येक विजेता को एक स्वर्ण पदक, डिप्लोमा और निश्चित धनराशि दी जाती है. हर साल इनाम राशि नोबेल फाउंडेशन की आय पर निर्भर करती है.
- अगर एक पुरस्कार साझा तौर पर दो लोगों को दिया जाता है, तो धनराशि दोनों में समान रूप से बांट दी जाती है.
- अब तक केवल दो बार मृत व्यक्तियों को यह पुरस्कार दिया गया है. पहली बार एरिक एक्सल कार्लफेल्ड को 1931 में और दूसरी बार संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव डैग हैमर्सक्योल्ड को 1961 में इससे नवाजा गया. लेकिन 1974 में नियम बना दिया गया कि मरणोपरांत किसी को नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाएगा.
- सिर्फ अहिंसा की बदौलत भारत को आजादी दिलाने वाले महात्मा गांधी को कभी शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं मिला. हालांकि उन्हें पांच बार नामांकन मिला.
नोबेल पाने वाले भारतीय
भारत से ताल्लुक रखने वाले दस लोगों को अब तक अलग अलग वर्गों में पुरस्कार मिल चुका है
रविंद्रनाथ टैगोर
टैगोर भारत के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता थे जिन्हें साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए इस पुरस्कार से नवाज़ा गया था.
टैगोर को 1913 में जब ये सम्मान मिला तब वो ये पुरस्कार पाने वाले पहले गैर यूरोपीय थे.
हरगोविंद खुराना
जाने माने भारतीय मूल के वैज्ञानिक हरगोविंद खुराना को 1968 में मेडिसीन के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला था. खुराना का शोध इस विषय पर था कि एंटी बायोटिक खाने का शरीर पर किस तरह का व्यापक असर होता है. भारत के पंजाब में जन्मे खुराना ने आगे चलकर अमरीका के जाने माने एमआईटी इंस्टीट्यूट से पढ़ाई की थी और अमरीका में ही बस गए थे.
सीवी रमण
सीवी रमण का जन्म मद्रास में हुआ था. उन्होंने प्रकाश से जुड़े रमन इफेक्ट की खोज की थी. उन्हें 1930 में फिजिक्स के क्षेत्र में ये पुरस्कार दिया गया.
वीएएस नायपॉल
त्रिनिदाद एंड टोबैगो में जन्मे विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल के पूर्वज गोरखपुर से गिरमिटिया मज़दूर के रुप में त्रिनिदाद पहुंचे थे. ब्रिटेन में बसे नायपॉल को 2001 में साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए नोबेल दिया गया.
वेंकट रामाकृष्णन
भारतीय मूल के वेंकट रामाकृष्णन मदुरै में जन्मे थे. उन्हें वर्ष 2009 में राइबोसोम के स्ट्रक्चर और कार्यप्रणाली के क्षेत्र में शोध के लिए केमिस्ट्री का नोबेल पुरस्कार दिया गया था.
मदर टेरेसा
मदर टेरेसा को 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला। मदर टेरेसा का जन्म अल्बानिया में हुआ था। 1928 में वह आयरलैंड की संस्था सिस्टर्स ऑफ लोरेटो में शामिल हुईं और मिशनरी बनकर 1929 में कोलकाता आ गईं.
सुब्रहमण्यम चंद्रशेखर
चंद्रशेखर का जन्म 1910 में लाहौर में हुआ था. उन्हें 1983 में सितारों की आकृति और कैसे सितारे बने इसके सैद्धांतिक शोध के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला.
कैलाश सत्यार्थी
वर्ष 2014 का शांति का नोबेल पुरस्कार कैलाश सत्यार्थी को मिला है. कैलाश को बच्चों के लिए किए गए उनके काम को देखते हुए ये पुरस्कार दिया गया है.
आर के पचौरी
राजेंद्र पचौरी का काम पर्यावरण के क्षेत्र में था और वो लंबे समय तक टेरी (टाटा एनर्जी रिसर्च इंस्टीट्यूट) से जुड़े रहे. उन्हें वर्ष 2007 में संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन के लिए बनी कमिटी के साथ संयुक्त रुप से शांति के लिए नोबेल मिला था.
अमर्त्य सेन
अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन अपनी पुस्तक द आरग्यूमेंटेटिव इंडियन के लिए काफी चर्चित रहे लेकिन अर्थशास्त्र में उनका काम उल्लेखनीय रहा है. उन्हें 1998 में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया था.
अभिजीत बनर्जी
साल 2019 के लिए अर्थशास्त्र का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी एस्तेय डिफ्लो के साथ-साथ अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर को संयुक्त रूप से दिया गया था. इन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गरीबी कम करने के उनके प्रयोगात्मक नजरिए के लिए नोबेल दिया गया था.