क्या है अगस्ता हेलीकाप्टर दलाली?

वर्ष 2013 के नवम्बर में इटली के एक अखबार में एक खबर छपी कि भारत सरकार ने इटली-ब्रिटेन की कंपनी फिनमेक्कैनिका की सब कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से 3700 करोड़ रपए में जिन 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद का सौदा किया है, उसमें 51 मिलियन यूरो (350 करोड़) की दलाली खाई गई है। इस दलाली का भंडाफोड़ वहां की मीडिया में फिनमेक्कैनिका कंपनी के एक कर्मचारी ने किया था, जो कि कंपनी के मुख्य कार्यकारी गीसप ओरसी का विरोधी बताया जा रहा था। मिलान में छपी इस खबर को दिल्ली की मीडिया ने प्रमुखता से उछाला।

इतालवी कोर्ट में क्या आया सामने

कुछ दिन बाद घोटाले में फिनमेक्कैनिका के चीफ गीसप ओरसी इटली में गिरफ्तार कर लिए गए। वहां की अदालत के एक मजिस्ट्रेट ने ‘अगस्ता वेस्टलैंड’ के प्रमुख ब्रूनो स्पैग्नोलिनी को नजरबंद करने का भी आदेश दे दिया। इतालवी कोर्ट के फैसले में पूर्व आईएएफ चीफ एस पी त्यागी का भी नाम सामने आया। वहां की कोर्ट में ऐसे दस्तावेज सामने आए हैं, जिसमें ‘सिगनोरा गांधी’ का नाम है। इसमें चार बार सिग्नोरा गांधी का नाम है, दो बार मनमोहन सिंह का नाम है, ऑस्कर फ़र्नांडिस का नाम है एमके नारायणन का भी नाम है।
वेस्टलैंड (यूके) से खरीदे गए 12 में से 3 हेलीकॉप्टर भारत आ चुके हैं, जबकि तीन और हेलीकॉप्टर जून 2014 तक भारत आने वाले थे। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अगस्ता से हुए अनुबंध में रिश्वतखोरी और गैर वाजिब प्रभाव डाले जाने के खिलाफ विशेष प्रावधान शामिल हैं और इसमें सौदे से जुड़ा साख समझौता भी किया गया है। सीबीआई की आरंभिक जांच के बाद सरकार ने एक जनवरी 2014 को साख समझौते के उल्लंघन का मामला बनाकर सौदे को रद्द कर दिया। इटली की अदालत ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर दलाली मामले में पिछले सप्ताह उन दो अधिकारियों को चार-चार साल कैद की सजा सुनाई, जो इसमें दोषी पाए गए थे और गिरफ्तार थे।

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क्या होगा इस सौदे का?

यह पूरा सौदा 3600 करोड़ का था, जिसमें से तकरीबन एक हजार करोड़ का भुगतान भारत ने कर दिया है। भारत ने सौदा रद्द करने के बाद कंपनी द्वारा दी गई बैंक गारंटी को भुनाने की कवायद शुरू कर दी है। इसकी वजह से भारत ने जो 1000 करोड़ का भुगतान किया है वह डूबने से बच जाएगा। सरकार के इंटीग्रिटी पैक्ट (समझौते) के तहत ईमानदारी से काम करने की संधि के तहत कोई भुगतान विदेशी कंपनी को किया गया है तो विक्रेता को दिया गया पूरा धन वापस पाने का हकदार भारत है। रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद प्रक्रिया के तहत सभी रक्षा सौदे होते हैं और इसी के अंतर्गत विदेशी विक्रेताओं के साथ ‘इंटिग्रिटी पैक्ट’ का ध्यान रखा जाता है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि अगस्ता वेस्टलैंड के खिलाफ इस सौदे में दलाली खिलाये जाने के उसके पास पर्याप्त सबूत हैं।

क्या होगा भारत आ चुके तीन हेलीकॉप्टर का?

सौदा रद्द होने से पहले इंग्लैंड-इटली की संयुक्त कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से भारत आ चुके तीन वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सरकार की गले की हड्डी बन चुके हैं। वायुसेना के हिंडन एयरबेस पर खड़े इन हेलीकॉप्टरों को वायुसेना अपने बेड़े में रखने से साफ इनकार कर चुकी है। कंपनी इन हेलीकॉप्टरों को वापस लेने से यह कहकर मना कर चुकी है कि एक साल पुराने हो चुके हेलीकॉप्टरों को वापस लेने का कोई औचित्य नहीं है। वैसे भी कंपनी सौदा रद्द करने पर सवाल उठा रही है। ऐसे में रक्षा मंत्रालय में इस बात पर भी विचार हो रहा है कि क्यों न इन हेलीकॉप्टरों को निजी कम्पनियों को बेच दिया जाए। वायुसेना के लिए सिर्फ तीन अगस्ता हेलीकॉप्टरों का स्कवाड्रन बनाना मुश्किल होगा।