राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मॉरिशस और मेडागास्कर यात्रा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 11 से 15 मार्च के बीच मेडागास्कर और मॉरिशस की यात्रा की. उनके साथ उनकी धर्मपत्नी और एक उच्च स्तरीय शिष्टमंडल भी गया था. हिंद महासागर में स्थित ये द्वीपीय देश भारत के रणनीतिक हित के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. ये यात्राएं इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह ऐसा क्षेत्र है जहां चीन की नौसेना की मौजूदगी बढ़ रही है. राष्ट्रपति कोविंद ने वर्ष 2017 इथियोपिया और जिबूती की भी यात्रा की थी.

राष्ट्रपति की मॉरिशस यात्रा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी इस यात्रा के क्रम में 11 मार्च को मॉरीशस की यात्रा पर पोर्ट लुई पहुँचे. वहां उनका स्वागत मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगनौथ ने किया. राष्ट्रपति कोविंद ने मॉरिशस में अपनी समकक्ष अमीना गुरीब से मुलाकात की. दोनों नेताओं की मुलाकात मॉरिशस के स्टेट हाउस ली रीड्यूट में हुई. इससे पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मॉरिशस यात्रा पर मार्च, 2015 में गए थे. जिसे ‘सागर’ नाम दिया गया था, जिसका मतलब था- सभी के लिए सुरक्षा, सभी के लिए विकास.

दोनों देशों के बीच चार समझौते: राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद और मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रवींद जगनॉथ की उपस्थिति में राजधानी पोर्टलुई में चार समझौते हुए. ये समझौते स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति और नागरिक सेवाओं के क्षेत्र में किए गए. भारत ने मॉरिशस की सुरक्षा क्षमताओं में बढ़ोतरी के लिए उसकी रक्षा उपकरणों की खरीद के वास्ते दस करोड़ डॉलर की ऋण देने की पेशकश की है.

मॉरीशस के 50वें स्वाधीनता समारोह में मुख्य अतिथि: राष्ट्रपति ने मॉरीशस के 50वें स्वाधीनता समारोह में हिस्सा लिया. पोर्ट लुई में आयोजित इस समारोह में वे मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.

विश्व हिंदी सचिवालय का उद्घाटन: राष्ट्रपति ने मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लूईस में विश्व हिंदी सचिवालय का 13 मार्च को उद्घाटन किया. सचिवालय हेतु पूर्ण वित्तीय सहयोग भारत द्वारा दिया गया है जिसमे करीब 33 करोड़ रुपये मुहैया कराये गए हैं. इस अवसर पर श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि हिंदी ने भारत और मॉरीशस के साहित्य और आपसी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. वहीं हिंदी के विस्तार में मॉरीशस में भारतियों की अहम भूमिका रही है.

राष्ट्रपति की मेडागास्कर यात्रा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी इस यात्रा के क्रम में 13 मार्च को मेडागास्कर पहुँचे. भारत के किसी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री द्वारा मेडागास्कर की पहली यात्रा थी. यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति का औपचारिक स्वागत किया गया. राष्ट्रपति कोविन्द ने मेडागास्कर के राष्ट्रपति हेरी राजाओनारीमंपियानीना और प्रधानमंत्री के साथ दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा की. राष्ट्रपति ने मेडागास्कर को 1,000 टन चावल और 2 लाख डॉलर का नकद अनुदान देने की घोषणा भी की.

रक्षा और वायु सेवाओं के क्षेत्र में सहमति: मेडागास्कर में श्री कोविंद की मौजूदगी में रक्षा और वायु सेवाओं के क्षेत्र में समझौतों और सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए. इस समझौते के अंतर्गत दोनों देश रक्षा के क्षेत्र में सहयोग के विभिन्न तरीकों का पता लगाएंगे. दोनों देशों के बीच संपर्क सुधार के प्रयासों के लिए वायु सेवा के एक संशोधित समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए. राष्ट्रपति कोविंद ने अन्तारारिवो में वहां के राष्‍ट्रपति के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद इस समझौते की घोषणा की.

कृषि और मशीनीकरण के लिए 80 मिलियन डॉलर: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि भारत ने मेडागास्कर को कृषि और मशीनीकरण में विकास के लिए 80 मिलियन डॉलर की सहायता देने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि हम भारत के एलओसी (लेटर ऑफ क्रेडिट) वित्तपोषण के माध्यम से अन्य अफ्रीकी देशों की बुनियादी ढांचे में विकास लाना चाहते हैं.

ग्रामीण विकास भू-सूचना विज्ञान केंद्र का उद्घाटन: राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और मेडागास्कर के राष्ट्रपति ने संयुक्त रूप से ग्रामीण विकास भू-सूचना विज्ञान केंद्र का उद्घाटन किया. इस केंद्र को पूरी तरह से भारत ने वित्त पोषित किया है. इस अवसर पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि हम इस आधुनिक तकनीक को अपने विकासशील साथी के साथ साझा करने के लिए काफी उत्सुक हैं.

राष्‍ट्रपति कोविंद को नागरिक सम्मान: मेडागास्कर के राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति कोविंद को अपने देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस’ से सम्‍मानित किया.

व्यापारिक समुदाय के लोगों से मुलाकात: अपनी मेडागास्कर यात्रा के दौरान राष्ट्रपति ने 15 मार्च को वहां व्यापारिक समुदाय के लोगों से मुलाकात की. इस मौके पर मेडागास्कर में व्यापारिक क्षमताओं और अवसरों को लेकर एक प्रस्तुति भी पेश की गई.