कुवैत के अमीर ने शेख अहमद अब्दुल्ला अल-अहमद अल-सबा को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. यह निर्णय 7 अप्रैल को पूर्व प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद सबा अल-सलेम अल-सबा के इस्तीफे के बाद लिया गया.
4 अप्रैल को नई संसद के चुनाव के बाद, शेख मोहम्मद ने 6 अप्रैल को अपने मंत्रिमंडल का इस्तीफा सौंप दिया था. नई संसद के निर्वाचित होने के बाद उनका इस्तीफा एक प्रक्रियागत कदम था.
नए प्रधानमंत्री शेख अहमद, कुवैत के अर्थशास्त्री हैं. 2006 से 2011 तक स्वास्थ्य, तेल और सूचना मंत्री के रूप में सेवा देने के पहले वे 1999 से 2005 तक वित्त और संचार मंत्री रहे हैं.
लगभग 4.2 मिलियन की आबादी वाला कुवैत दुनिया का छठा सबसे बड़ा तेल भंडार वाला देश है. कुवैत का रणनीतिक गठबंधन संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ 1991 के खाड़ी युद्ध से चला आ रहा है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-04-18 02:40:212024-04-17 18:46:01शेख अहमद अब्दुल्ला अल-अहमद को कुवैत का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया
ईरान ने 14 अप्रैल को इस्राइल पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया. इस्राइली सेना के अनुसार अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस और अन्य देशों की मदद से उन्होंने लगभग सभी मिसाइलों और ड्रोन को लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही नाकाम कर दिया.
मुख्य घटनाक्रम
ईरान ने कहा है कि उसकी ओर से 1 अप्रैल को सीरिया में उसके वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के जवाब में कार्रवाई की गई. सीरिया में हुए हमले में ईरान के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की मृत्यु हो गई थी.
इस्राइली सेना ने कहा है कि इस्राइल पर तीन सौ से अधिक ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया गया. हमले के दौरान किसी के मरने की खबर नहीं है और नुकसान भी सीमित स्तर पर ही हुआ.
परमाणु ऊर्जा संबंधी मामलों की निगरानी करने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने ईरान के परमाणु अड्डों पर इस्राइल के हमले की संभावना को लेकर चिंता व्यक्त की है.
IAEA ने बताया कि ईरान ने इस्राइल की ओर से बडे पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन हमलों की आशंका के लिहाज से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने परमाणु अड्डों को अस्थाई तौर पर बंद कर दिया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-04-17 19:32:032024-04-17 19:32:03ईरान-इस्राइल तनाव: ईरान ने इस्राइल पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया
अमेरिका, जापान और फिलीपींस की पहली त्रिपक्षीय शिखर बैठक 11 अप्रैल, 2024 को वाशिंगटन डीसी के व्हाइट हाउस में आयोजित की गई थी. सम्मेलन की मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने की थी.
मुख्य बिन्दु
बैठक में चीन के साथ बढ़ते क्षेत्रीय विवादों के बीच अपने सहयोगियों, जापान और फिलीपींस का समर्थन करने की संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिबद्धता पर विचार-विमर्श हुआ.
शिखर सम्मेलन से पहले, फिलीपींस, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की समुद्री सेनाओं ने 7 अप्रैल, 2024 को एक संयुक्त समुद्री अभ्यास का आयोजन किया था. यह आयोजन फिलीपींस के विशेष आर्थिक क्षेत्र में किया गया था.
चीन और फिलीपींस के बीच तनाव चीन सागर में स्थित थॉमस शोल पर केंद्रित है. फिलीपींस ने तट पर अपना दावा मजबूत करने के लिए 1999 में एक जहाज, बीआरपी सिएरा माद्रे को रोक दिया, जिससे फिलीपीन के पुन: आपूर्ति मिशनों को अवरुद्ध करने या परेशान करने का प्रयास करने वाले चीनी जहाजों के साथ लगातार झड़पें हुईं.
चीन और जापान के बीच सेनकाकू द्वीप विवाद में 2008 से जापानी क्षेत्रीय जल में चीनी जहाजों द्वारा घुसपैठ शामिल है. संयुक्त राज्य अमेरिका जापान के साथ अपनी रक्षा संधि की पुष्टि करता है, यह दावा करते हुए कि सेनकाकू द्वीप उसके संरक्षण में आता है.
सेनकाकू द्वीप और दूसरा थॉमस शोल दोनों दक्षिण चीन सागर के भीतर स्थित हैं, जो व्यापार के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र है और संभावित रूप से तेल और गैस भंडार से समृद्ध है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-04-17 19:30:142024-04-17 19:30:14अमेरिका, जापान और फिलीपींस की पहली त्रिपक्षीय शिखर बैठक
रूस ने 11 अप्रैल 2024 को अंगारा-A5 अंतरिक्ष रॉकेट का सफल परीक्षण किया था. यह परीक्षण वोस्तोचन कोस्मोड्रोम से किया गया था. हालांकि, यह रूस का तीसरा परीक्षण है जो सफल हुआ.
अंगारा रॉकेट 54.5 मीटर (178.81 फुट) लम्बा तीन चरणों वाला रॉकेट है. इसका वजन लगभग 773 टन है, लगभग 24.5 टन वजन अंतरिक्ष में ले जा सकता है.
रूस ने 1991 में सोवियत संघ के विघटन के कुछ साल बाद एक रूस-निर्मित लॉन्च वाहन के लिए अंगारा परियोजना की शुरुआत की थी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-04-16 23:40:202024-04-17 19:25:04रूस ने किया अंगारा-A5 अंतरिक्ष रॉकेट का सफल प्रक्षेपण
दक्षिण चीन सागर में 7 अप्रैल 2024 को चार देशों का संयुक्त नौसैनिक अभ्यास आयोजित किया गया था. इन देशों में अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया और फिलीपींस शामिल थे.
मुख्य बिन्दु
यह अभ्यास चीन की आक्रामकता को देखते हुए आयोजित किया गया था. संयुक्त अभ्यास में पनडुब्बी रोधी युद्ध प्रशिक्षण अभ्यास भी शामिल था.
यह इस क्षेत्र में पहला साझा नौसैन्य अभ्यास था. यह अभ्यास चीन के क्षेत्रीय दावों पर जोर देने की आक्रामक कार्रवाईयों से पैदा चिंताओं के बीच हुआ है.
दक्षिण चीन सागर विवाद का मुख्य कारण समुद्र पर विभिन्न क्षेत्रों का दावा करना. चीन, दक्षिण-चीन सागर के 80% भाग को अपना मानता है.
दक्षिण चीन सागर का महत्व
दक्षिण चीन सागर को दुनिया के सबसे व्यस्त जलमार्गों में से एक माना जाता है. यह व्यापार तथा परिवहन के लिये एक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है.
दक्षिण चीन सागर में स्थित विभिन्न देशों के बीच इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित करने को लेकर तनाव व्याप्त है.
इस क्षेत्र की मूल विवाद की जड़ है दक्षिण चीन सागर में स्थित स्पार्टली और पार्सल द्वीप, क्योंकि यह दोनों द्वीप कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से परिपूर्ण हैं.
मत्स्य व्यापार में शामिल देशों के लिए यह जल क्षेत्र काफी महत्त्वपूर्ण है. साथ ही इसकी भौगोलिक स्थिति के कारण इसका सामरिक महत्त्व भी बढ़ जाता है.
फिलीपींस और चीन के मध्य दक्षिण चीन सागर पंचाट
फिलीपींस ने 22 जनवरी 2013 को समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के अनुबंध VII के तहत चीन के विरुद्ध मध्यस्थ कार्यवाही आरंभ की थी.
इस मध्यस्थता न्यायालय में फिलीपींस ने चीन पर इस क्षेत्र पर दबदबा कायम करने सहित कई अन्य आरोप लगाए थे.
चीन इन सभी कार्यवाही में गैर हाजिर रहा. चीन ने इस मध्यस्थता को स्वीकार करने से मना कर दिया.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-04-13 19:37:062024-04-14 19:42:41दक्षिण चीन सागर में चार देशों का संयुक्त नौसैनिक अभ्यास आयोजित किया गया
बुल्गारिया और रोमानिया शेंगेन (Schengen ) सदस्य बन गए हैं. यूरोपीय आयोग के अनुसार, दोनों देश 31 मार्च 2024 को आंशिक रूप से शेंगेन क्षेत्र (Schengen Area) में शामिल हो गए. यह दोनों देशों के यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ एकीकरण में एक महत्वपूर्ण कदम है.
मुख्य बिन्दु
शेंगेन नियम दोनों सदस्य देशों में लागू होंगे, जिसमें शेंगेन वीजा जारी करना भी शामिल है और आंतरिक वायु और समुद्री सीमाओं पर नियंत्रण हटा दिया जाएगा. इन दो सदस्य देशों का शेंगेन में शामिल होने से इस क्षेत्र का विस्तार हुआ है.
इसके साथ ही यात्रियों को उनके और दर्जनों अन्य यूरोपीय देशों के बीच स्वतंत्र रूप से आने-जाने की अनुमति मिल गई. हालांकि ऑस्ट्रिया के विरोध के कारण भूमि सीमा पर जांच जारी रहेगी. प्रतिदिन लगभग 3.5 मिलियन लोग शेंगेन क्षेत्र की आंतरिक सीमा पार करते हैं.
यूरोपीय आयोग ने एक दशक से भी ज़्यादा समय से कहा है कि रोमानिया और बुल्गारिया शेंगेन क्षेत्र में पूर्ण प्रवेश के लिए तकनीकी मानदंडों को पूरा करते हैं. पूर्ण प्रवेश के लिए सभी सदस्य देशों से सर्वसम्मति से समर्थन की आवश्यकता होती है.
बुल्गारिया की राजधानी सोफ़िया हवाई अड्डा शेंगेन उड़ानों के लिए सबसे बड़े केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो सभी उड़ानों का 70% हिस्सा है. आसान नियमों से दोनों देशों के पर्यटन क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.
रोमानिया दक्षिण-पूर्वी यूरोप में है. इसकी राजधानी बुखारेस्ट है. यह देश कार्पेथियन पर्वत, डेन्यूब नदी और काला सागर तट का घर है. रोमानिया की आबादी लगभग 19 मिलियन है और यह यूरोपीय संघ का सदस्य है. आधिकारिक भाषा रोमानियाई है.
बुल्गारिया यूरोप के बाल्कन क्षेत्र में स्थित है, जिसकी सीमा उत्तर में रोमानिया और दक्षिण में तुर्की से लगती है. इसकी राजधानी सोफिया है. बुल्गारिया की आबादी लगभग 7 मिलियन है और यह काला सागर तट के किनारे ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है.
शेंगेन क्षेत्र क्या है?
शेंगेन क्षेत्र (Schengen Area) यूरोप के 27 देशों का एक समूह है. इस क्षेत्र में शामिल देशों के बीच सीमा नियंत्रण खत्म कर दिया गया है. यह दुनिया का सबसे बड़ा मुफ़्त यात्रा क्षेत्र है.
शेंगेन क्षेत्र के देशों की बीच, वीज़ा नीति, शरण नीति, और अपने पुलिस और न्यायिक अधिकारियों के बीच सहयोग के लिए समझौते हैं.
शेंगेन क्षेत्र की शुरुआत 1985 में पांच यूरोपीय संघ देशों – फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, नीदरलैंड और लक्ज़मबर्ग – के बीच एक अंतर सरकारी परियोजना के रूप में हुई थी. धीरे-धीरे इसका विस्तार हुआ.
शेंगेन क्षेत्र के देशों के बीच आम तौर पर कोई पासपोर्ट नियंत्रण नहीं होता. अगर किसी के पास इनमें से किसी एक देश का वैध वीज़ा है, तो वह अन्य शेंगेन देशों की भी यात्रा कर सकता है.
शेंगेन क्षेत्र में शामिल देश: ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, क्रोएशिया, चेकिया, डेनमार्क, एस्टोनिया, फ़िनलैंड, फ़्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, इटली, लातविया, लिकटेंस्टीन, लिथुआनिया, लक्ज़मबर्ग, माल्टा, नीदरलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन, और स्विट्जरलैंड.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-04-06 10:24:332024-04-05 20:27:36रोमानिया और बुल्गारिया शेंगेन क्षेत्र में शामिल हुए, जानिए क्या है शेंगेन क्षेत्र
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-04-05 20:28:212024-04-05 20:28:21यूक्रेन की रक्षा के लिए 100 अरब यूरो के सहायता कोष स्थापित करने का नाटो का प्रस्ताव
रोमानिया में दुनिया का सबसे शक्तिशाली लेजर विकसित किया गया है. यह लेजर सूर्य से अरबों गुना तेज और चमकीली किरण पैदा करने में सक्षम होगी. इसे रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट में एक अनुसंधान केंद्र ने विकसित किया गया है. यह यूरोपियन यूनियन इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सट्रीम लाइट इंफ्रास्ट्रक्चर (ELI) परियोजना का हिस्सा है.
मुख्य बिन्दु
इस लेजर तकनीक को चिरप्ड पल्स एम्प्लीफिकेशन (CPA) तकनीक के रूप में जाना जाता है. यह नोबेल पुरस्कार विजेता फ्रांस के जेरार्ड मौरौ (Gérard Mourou) और कनाडा की डोना स्ट्रिकलैंड (Donna Strickland) के आविष्कारों पर आधारित है.
चिरप्ड पल्स एम्प्लीफिकेशन के व्यावहारिक कार्यान्वयन के लिए जेरार्ड मौरौ और डोना स्ट्रिकलैंड को 2018 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
रोमानिया में विकसित अति-शक्तिशाली लेजर में विभिन्न क्षेत्रों में क्रांति लाने और महत्वपूर्ण समस्याओं को हल करने की क्षमता है.
शक्तिशाली लेजर के कुछ संभावित अनुप्रयोग
परमाणु अपशिष्ट उपचार: लेजर का उपयोग परमाणु कचरे की रेडियोधर्मिता अवधि को कम करने के लिए किया जा सकता है, जिससे इसका निपटान सुरक्षित और अधिक प्रबंधनीय हो जाता है.
अंतरिक्ष मलबा हटाना: अंतरिक्ष में जमा हो रहे मलबे की बढ़ती मात्रा के साथ, उपग्रहों और अंतरिक्ष यान के साथ टकराव के जोखिम को कम करते हुए, कक्षीय वातावरण को साफ करने के लिए लेजर तकनीक का उपयोग किया जा सकता है.
चिकित्सा प्रगति: लेज़र की सटीक और शक्तिशाली प्रकृति लक्षित कैंसर उपचारों और उन्नत शल्य चिकित्सा तकनीकों जैसे चिकित्सा उपचारों में सफलता दिला सकती है.
कैंसर थेरेपी: यह कैंसर थेरेपी के फील्ड में भी उपयोगी साबित हो सकती है. इसका उपयोग कैंसर के रेडियोथेरेपी ट्रीटमेंट के लिए एक नई कण त्वरण विधि (Particle acceleration method) की स्टडी करने के लिए भी किया जा सकता है.
रिन्यूएबल एनर्जी: यह न्यूक्लियर फ्यूजन, रिन्यूएबल एनर्जी और बैटरी के क्षेत्र में प्रगति को बढ़ावा देगा. इनके अलावा इसके और भी कई अनोखे फायदे होंगे.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-04-05 20:21:102024-04-05 20:21:10दुनिया का सबसे शक्तिशाली लेजर रोमानिया में विकसित किया गया
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 24 मार्च 2024 को सर्वसम्मति से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) पर पहला वैश्विक प्रस्ताव पारित किया था.
प्रस्ताव के मुख्य बिन्दु
यह प्रस्ताव संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रायोजित और रूस, चीन और क्यूबा सहित 123 देशों द्वारा सह-प्रायोजित किया गया था.
इस प्रस्ताव का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शक्तिशाली नई तकनीक सभी देशों को लाभान्वित करे, मानवाधिकारों का सम्मान करे और सुरक्षित और भरोसेमंद हो.
प्रस्ताव में विकसित और विकासशील देशों के बीच डिजिटल विभाजन को समाप्त करने के महत्व पर जोर दिया गया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी देशों को एआई पर चर्चा में भाग लेने का मौका मिले.
यह प्रस्ताव एआई के विकास को आकार देने और इसके संभावित नुकसान को कम करने के लिए दुनिया भर की सरकारों द्वारा की गई पहलों की श्रृंखला में नवीनतम है.
एआई तकनीक के तेजी से विकास ने इसके संभावित जोखिमों और लाभों के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं, जिसमें मानवाधिकारों, व्यक्तिगत डेटा संरक्षण और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर इसका प्रभाव शामिल है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का हिन्दी नाम कृत्रिम बुद्धिमत्ता है जिसकी शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी.
यह कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट या फिर मनुष्य की तरह इंटेलिजेंस तरीके से सोचने वाला सॉफ़्टवेयर बनाने का एक तरीका है. जॉन मैकार्थी को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक माना जाता है.
AI इसके बारे में अध्ययन करता है कि मानव मस्तिष्क कैसे सोचता है और समस्या को हल करते समय कैसे सीखता है, कैसे निर्णय लेता है और कैसे काम करता.
भारत में राष्ट्रीय स्तर पर AI कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने के लिये नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-03-26 20:13:252024-03-27 20:22:45संयुक्त राष्ट्र ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर पहला वैश्विक प्रस्ताव अपनाया
साइमन हैरिस आयरलैंड के नए प्रधानमंत्री होंगे. 24 मार्च को आयरलैंड की सत्तारूढ़ फाइन गेल पार्टी ने उन्हें अपना नेता चुना था. साइमन हैरिस, लियो वराडकर की जगह लेंगे, जिन्होंने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
37 वर्षीय हैरिस आयरलैंड के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री होंगे. इससे पहले भारतीय मूल के लियो वराडकर के पास सबसे युवा प्रधानमंत्री का खिताब था. वराडकर पहली बार 2017 में प्रधानमंत्री बने थे, तब वे 38 साल के थे.
आयरलैंड में अगले साल संसदीय चुनाव होने हैं. यानी उसके पास एक साल से ज्यादा का कार्यकाल नहीं होगा.
9 अप्रैल को आयरिश संसद की बैठक शुरू होगी. इसके पहले हैरिस के अपने मंत्रिमंडल पर कोई फैसला लेने की उम्मीद नहीं है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-03-25 20:13:292024-03-27 20:20:26साइमन हैरिस आयरलैंड के नए प्रधानमंत्री चुने गए
रूस के वर्तमान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं. रूस के केंद्रीय चुनाव आयोग ने 18 मार्च 2024 को राष्ट्रपति पद के चुनाव में व्लादिमीर पुतिन की जीत की घोषणा की थी. इस निर्वाचन से उनका कार्यकाल अगले छह वर्षों के लिए और बढ़ गया है. पुतिन दिसंबर 1999 से राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के तौर पर रूस का नेतृत्व कर रहे हैं.
मुख्य बिन्दु
इस चुनाव में राष्ट्रपति पुतिन को 87.29 फीसदी वोट मिले. पुतिन के लिए करीब 7.6 करोड़ लोगों ने मतदान किया है जो उन्हें हासिल अब तक के सबसे ज्यादा वोट हैं.
राष्ट्रपति चुनाव में पुतिन के सामने सिर्फ तीन उम्मीदवार थे. कम्युनिस्ट उम्मीदवार निकोले खारितोनोव ने लगभग 4% वोट के साथ दूसरा स्थान हासिल किया, उसके बाद नए उम्मीदवार व्लादिस्लाव दावनकोव और अति-राष्ट्रवादी लियोनिद स्लटस्की का स्थान रहा.
पुतिन के सबसे मुखर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एलेक्सी नवलनी की पिछले महीने आर्कटिक जेल में मौत हो गई और उनके अन्य आलोचक या तो जेल में हैं या निर्वासन में हैं.
व्लादिमीर पुतिन के पांचवीं बार राष्ट्रपति चुने जाने पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दिया है.
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और होन्डुरास, निकारागुआ और वेनेजुएला के राष्ट्रपतियों ने पुतिन को उनकी जीत पर बधाई दी है.
वहीं सोवियत संघ के विघटन के बाद अस्तित्व में आए मध्य एशियाई देशों- तज़ाकिस्तान और उज़्बेकिस्तान के नेताओं ने भी पुतिन को मुबारकबाद दी है.
पश्चिमी देशों और विपक्षी समूहों द्वारा लोकतांत्रिक वैधता की कमी के कारण चुनाव की व्यापक आलोचना की गई है.
संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और यूक्रेन ने पुतिन द्वारा राजनीतिक विरोधियों को जेल में डालने और दूसरों को उनके खिलाफ चुनाव लड़ने से रोकने का हवाला देते हुए चुनाव को न तो स्वतंत्र और न ही निष्पक्ष बताया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-03-21 22:29:082024-03-22 17:40:26व्लादिमीर पुतिन पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए
आसिफ अली ज़रदारी को पाकिस्तान का नया राष्ट्रपति निर्वाचित किया गया है. उन्होंने पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली.
मुख्य बिन्दु
आसिफ अली ज़रदारी दूसरी बार पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने हैं. इसके पहले साल 2008 से 2013 के बीच पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति थे.
ज़रदारी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष हैं. वे पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पति है.
श्री जरदारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ के संयुक्त उम्मीदवार थे और उनका मुकाबला सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के महमूद खान अचकजई से था.
श्री ज़रदारी को नेशनल असेम्बली और सीनेट में 255 वोट मिले जबकि श्री अचकजई 119 वोट ही जुटा सके.
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने अपनी बेटी आसिफा भुट्टो जरदारी को प्रथम महिला बनाने का फैसला किया है. आसिफा भुट्टो बिलावल भुट्टो जरदारी की छोटी बहन हैं.
आमतौर पर प्रथम महिला का दर्जा राष्ट्रपति की पत्नी को मिलता है. आसिफा भुट्टो पाकिस्तान की पहली प्रथम महिला होंगी जो राष्ट्रपति की बेटी हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-03-12 08:46:332024-03-13 10:01:24आसिफ अली ज़रदारी पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति निर्वाचित