संभवतः आपने देखा होगा कि कुछ फस्तकों में किसी अध्याय विशेष में किसी अन्य फस्तक के किसी अध्याय अथवा भाग विशेष का उल्लेख किया रहता है। ऐसे में हम उस किताब और उसके अध्याय का नाम किसी अन्य कागज पर लिख लेते हैं और फिर अवसर मिलते ही उस पाठ्य सामग्री का अध्ययन करते हैं। वेब पेज की स्थिति में इसका लेखक जब किसी अन्य पेज का संदर्भ देते समय पेज के नाम को उस पेज से ही क्लिक कर देता है। अर्थात अब इस संदर्भ पर माउस का प्वाइंटर लाकर क्लिक करने पर तुरंत उस पेज को देखा जा सकता है चाहे संदर्भ वाला यह पेज दुनिया के किसी भी हिस्से में स्थित किसी भी वेब सर्वर कंप्यूटर पर स्टोर क्यों न हो।
हाइपर टेक्स्ट से मिलता-जुलता शब्द है। हाइपर मीडिया। हाइपर टेक्स्ट से साफ जाहिर है कि यह सिर्फ टेक्स्ट से संबंधित है जबकि हाइपर मीडिया टेक्स्ट के अतिरिक्त अन्य तत्वों जैसे इमेज, आॅडियों और वीडियों आदि को भी सम्मिलित किया जाता है।
एचटीटीपी और एटीएमएल
हाइपर टेक्स्ट और हाइपर मीडिया के प्रयोग के लिए एक विशेष प्रोटोकाॅल की आवश्यकता होती है। इस प्रोटोेेकाॅल द्वारा ही हाइपर टेक्स्ट/हाइपर मीडिया की फाइलों को इंटरनेट पर एक स्थान से दूसरे स्थान पहंुचाया जाता है। इस प्रोटोकाॅल के कार्य करने के कुछ नियम हैं जिन्हें हाइपर टेक्स्ट/मीडिया भेजने वाले और प्राप्त करने वाले दोनों कंप्यूटरों द्वारा पालन करना अनिवार्य होता है। इन नियमों में एक नियम यह है कि इस प्रकार का हाइपर मीडिया भेजने वाले सिस्टम पर एचटीटीपी सर्वर और प्राप्त करने वाले सिस्टम पर एचटीटीपी क्लाइंट सॉफ्टवेयर होना ही चाहिए।
हाइपर टेक्स्ट और हाइपर मीडिया के विचार के प्रतिपादित होते ही एक ऐसी प्रोग्रामिंग भाषा की आवश्यकता थी जो इस विचार को वास्तविक रूप प्रदान कर सके। इसके लिए कंप्यूटर विशेषज्ञों ने हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज़ का विकास किया। एचटीएमएल, एसजीएलएल में से निकली एक लैंग्वेज़ है। स्टैंडर्ड जर्नलाइज्ड़ मार्कअप लैंग्वेज़ दुनिया भर में डाॅक्यूमेंटों के स्ट्रक्चर को तय करने का एक सिस्टम है। जिस प्रकार किसी भी वर्ड प्रोसेसिंग एप्लीकेशन में बनाए गए डाॅक्यूमेंट की फाॅर्मेंटिंग यूज़र अपनी आवश्यकतानुसार करते हैं उसी प्रकार एचटीएमएल का प्रयोग करते हुए वेब पेजों का निर्माण आवश्यकतानुसार किया जा सकता है।
एचटीएमएल, के अंतर्गत विभिन्न टैगों का प्रयोग करते हुए टाइटल, हैडिंग, बोल्ड, इटैलिक और पैराग्राफ पर लागू किए जाने वाले अन्य प्रभाव, पैराग्राफ, इमेज और उनका आकार, तथा अन्य डाॅक्यूमेंटों के हाइपर लिंक आदि सभी को उपयोग में लेते हुए वेब पेज का निर्माण किया जाता है। एचटीएमएल में बने डाॅक्यूमेंट को देखने के लिए ब्राउज़र नामक एक विशेष क्लाइंट सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है।